रायपुर। विधानसभा में कोरोना पर स्थगन प्रस्ताव पर चल रही चर्चा में भाग लेते पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि सरकार छत्तीसगढ़ लौटने वाले हर प्रवासी मजदूर के खाते में हजार रुपए डाले. पूरा विपक्ष सरकार का समर्थन करेगा. उन्होंने वर्तमान स्थिति में हेल्थ के लिए अनुपूरक बजट लाए जाने के साथ स्वास्थ्य मंत्री को फंड और फ्री हैंड देने की बात कही.

डॉ. रमन सिंह ने चर्चा के दौरान कहा कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में लोग फांसी लगा लेते हैं, यह केवल छत्तीसगढ़ में यह संभव है, विश्व में और कहीं नहीं. जब तक कोरोना का टीका नहीं आता तब तक इलाज हो रहा है. छत्तीसगढ़ में यह आंकड़ा कहां तक जाएगा पता नहीं. रायपुर में ज़्यादा इसलिए है, क्योंकि यहां टेस्टिंग की सुविधा है. चुनौती हैं लेकिन अवसर में बदला जा सकता था. जब प्रधानमंत्री मुख्यमंत्रियों से 5-6 बात कर सकते हैं, तो मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री विधायकों से बात कर सकते थे, लेकिन बात नहीं की. एनजीओ ने कमाल का काम किया. मजदूर पैदल क्यों आए. 116 ट्रैन से आए.

इस पर शिव डहरिया ने कहा कि ट्रेन हमने लिया, लेकिन अनुमति उन्होंने दिया. क्वारेंटाइन सेंटर में पीएम केयर फंड, 14 वें वित्त आयोग और दूसरे केंद्रीय मदो का इस्तेमाल हुआ. केंद्र से आई 80 प्रतिशत राशि का खर्च किया गया. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में प्रति 10 लाख 16,850 टेस्ट हुए, वहीं दिल्ली में प्रति 10 लाख में 72 हजार, वहीं असम में प्रति 10 लाख 57 हज़ार है. लड़ाई लड़ना चाहते हैं, ताकत से लड़िए. देश में रिकवरी रेट 75 प्रतिशत है, और हमारे यहां 71 प्रतिशत. इस पर अमरजीत भगत ने टोकते हुए कहा कि भाजपा शासित राज्यों का उदाहरण दीजिये, दिल्ली में आपकी सरकार नहीं है.

रमन सिंह ने कहा कि हम अपने घर में उत्सव करते हैं, तो क्या संदेश जाता है. अगर बड़े सरकारी आयोजन होंगे तो पुलिस गांव का छोटा आयोजन कैसे रुकवा सकेगा. तीन महीने के लिए शराब बंदी नहीं कर सकते. कोरोना योद्धा पेपर में आये फिर अदृष्य हो गए. उन्होंने केंद्र सरकार की कोरोना के दौरान किये गए उपायों का जिक्र किया.