रायपुर। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच प्रदेश सरकार द्वारा शराब दुकान खोले जाने पर पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने चिंता जाहिर की है. उन्होने कहा कि यह एक अच्छा अवसर सरकार ने खो दिया, क्योंकि 40 दिन तक लोग बिना शराब के रह चुके हैं अभी तक शराब नहीं मिलने के कारण किसी की भी मृत्यु नहीं हुई है. 40 दिन से जनता रामायण, एवं महाभारत देखकर सद्भावना पूर्ण वातावरण में रह रही है, किन्तु इस सरकार की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है.

प्रदेश सरकार के इस निर्णय का सभी वर्ग विरोध कर रहे हैं. कई स्थानों से महिलाओं ने शराब दुकान खोले जाने का खुलकर विरोध किया है. लेकिन ऐसे समय में राज्य सरकार को अपने राजस्व बढ़ाने की चिंता सता रहीं है, कोरोना संक्रमण को लेकर पूरे देश में सोशल डिस्टेस्टिंग की अपील की जा रहीं है. सरकार के इस निर्णय से इस नियम का खुला उल्लघंन हो रहा है. छत्तीसगढ़ की जनता ने कांग्रेस की जनघोषणा पत्र में शामिल पूर्ण शराब बंदी के वादे पर भरोसा कर जनता ने कांग्रेस का साथ दिया था.

कांग्रेस ने गांव-गांव जाकर शराब बंदी की घोषणा की थी और उनके नेता राहुल गांधी ने भी 1 माह के अंदर सभी घोषणा को पूरा करने का वादा किया था. और घोषणा पत्र पूरा न होने पर मुख्यमंत्री को बदलने की बात कहीं थी. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि कांग्रेस सरकार को सदबुद्धि प्रदान करें और न केवल 4 मई से शराब दुकान खोलने का आदेश निरस्त करें, बल्कि पूर्ण शराब बंदी लागू करें.

पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बधाई दिया और कहा कि मध्यप्रदेश की सरकार ने अपनी जवाबदारी निभाते हुए अन्य प्रदेशों में फंसे हुए मध्यप्रदेश के श्रमिकों को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से लाने का निर्णय लिया है एवं इसमें होने वाले व्यय का भुगतान मध्यप्रदेश शासन द्वारा किया जायेगा. प्रत्येक राज्य सरकार की यह जिम्मेदारी भी बनती है कि वह अपने प्रदेश के मजदूर जनता की चिंता करें. प्रत्येक जिला के जिलाधीश की यह जिम्मेदारी होना चाहिए कि उनके जिले में बिना टेस्ट के कोई भी मजदूर जिले में प्रवेश न कर सके, पूरी तरह से मजदूरों को क्वारटाईन में रखा जाये. छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले में ऐसे सैकड़ों मजदूर है. जिनका टेस्ट नहीं हुआ और क्वारटाईन नहीं हुआ. स्वास्थ्य मंत्री जी की चिंता सही है लेकिन चिंता व्यक्त करना ही पर्याप्त नहीं है.