रायपुर। भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और संसद सदस्य (राज्यसभा) रामविचार नेताम ने प्रदेशभर और विशेषकर आदिवासी बहुल इलाक़ों में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर जमकर निशाना साधा है. नेताम ने कहा कि प्रदेश में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के सरकारी दावे ज़मीनी तौर पर खोखले नज़र आ रहे हैं. सुपोषण के नाम पर चलने वाली योजनाओं का हाल यह है कि बलरामपुर ज़िले के दोलंगी (रामचन्द्रपुर विकासखंड ) में पण्डो जनजाति के एक ही परिवार के दो पुत्र सहित पिता की चार दिन के अंतराल में कुपोषण के कारण मौत हुई है.

नेताम ने स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में छत्तीसगढ़ के बेहतर प्रदर्शन के की ढफली पीटते प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं का आलम यह है कि प्रदेश के गांवों में बनाए गए स्वास्थ्य केंद्रों की बदहाली दूर करने के बजाय 63 नए सामुदायिक, प्राथमिक और उप स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना का ढोल पीटकर प्रदेश के लोगों को सब्जबाग दिखा रही है.

नेताम ने कहा कि विकास के तमाम दावों की ज़मीनी सच्चाई यही है कि बारिश आने के बाद खाट-काँवर और कंधों पर मरीजों को स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुँचाया जाता है, और वहां भी बुनियादी सुविधाओं और संसाधनों की कमी, मौज़ूद स्टाफ द्वारा मरीजों के साथ बदसलूकी से मरीजों को दो-चार होना पड़ता है.

नेताम ने कोरिया के बैकुंठपुर ज़िला अस्पताल में बच्चों में सर्दी-खांसी और बुखार के प्रकोप जैसे हालात और बच्चों को ज़मीन पर लिटाकर उनका इलाज कराए जाने की ख़बरों का हवाला देते हुए कहा कि मौसमी और छोटी बीमारियों के इलाज के लिए भी लोगों को शहरों की ओर जाने के लिए विवश होना पड़ रहा है.

नेताम ने कहा कि आदिवासियों के प्रति प्रदेश सरकार का रवैया सौतेलोपन से भरा हुआ नज़र आ रहा है. बलरामपुर ज़िले के रामचंद्रपुर ब्लॉक के गांजर ग्राम में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र व विशेष संरक्षित पण्डो जनजाति की एक चार वर्षीया बच्ची की मौत का ज़िक्र करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार पण्डो जनजाति के संरक्षण के प्रति दुर्लक्ष्य कर ही रही है. न केवल स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में लोग अपनी जान गवां रहे हैं, बलकि अब प्रदेश सरकार और सत्तारूढ़ दल के राजनीतिक संरक्षण में फल-फूल रहे रेत माफ़िया के कारण भी पंडो जनजाति के लोगों की जान सांसत में पड़ गई है.

नेताम ने कहा कि रेत माफ़िया के ओवरलोड ट्रकों ने सड़क की ऐसी दुर्दशा कर दी है कि उक्त बीमार बच्ची को महज़ 22 किमी दूर स्थित अस्पताल पहुंचाने में एम्बुलेंस को आधा घंटे के बजाय डेढ़ घंटे का समय लगा क्योंकि उक्त एम्बुलेंस जर्जर सड़क के कारण ट्रकों के बीच फंस गई थी. समय पर चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाने के कारण उस बच्ची के जीवन की रक्षा नहीं की जा सकी.

नेताम ने कहा कि रामचंद्रपुर ब्लॉक में रेत माफ़िया ने नदियों से रेत खनन का काम भरी बरसात के मौसम में पूरे समय बेधड़क किया. कांग्रेस के नेताओं और क्षेत्रीय विधायक का राजनीतिक संरक्षण हासिल होने के कारण रेत माफ़िया पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

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उन्होंने कहा कि कहा कि प्रदेश सरकार पंडो जनजाति के प्रति दुर्भावना और संवेदनहीनता की पराकाष्ठा कर रही है. चार माह में इस विशेष संरक्षित जनजाति के 20 लोगों की मौत हो जाती है. इसी ब्लॉक में इसी जनजीति की एक प्रसूता महिला के साथ छुआछूत दिखाकर दुर्व्यवहार करके अस्पताल से भगा दिया जाता है, लेकिन प्रदेश सरकार को इस बात का ज़रा भी मलाल नहीं है. वह सत्ता-संघर्ष के खेल में मशगूल होकर सत्तालोलुपता का शर्मनाक प्रदर्शन कर रही है.

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भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की उदासीनता पर भी कटाक्ष किया और कहा कि सरगुजा संभाग से राजनीति कर रहे और ख़ुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताने में लगे मंत्री सिंहदेव भी पण्डो जनजाति के साथ हो रहे अन्याय की लगातार सामने आ रही वारदातों को लेकर क़तई गंभीर नहीं हैं.