कोलंबो। आर्थिक और राजनीतिक संकट के साथ नेतृत्व संकट से भी जूझ रहे श्रीलंका में प्रधानमंत्री का पद एक बार फिर 73 वर्षीय रानिल विक्रमसिंघ संभालने जा रहे हैं. यूनाइटेड नेशनल पार्टी के नेता रानिल विक्रमसिंघे आज शाम 6.30 बजे पद की शपथ लेंगे.

श्रीलंका की 225 सदस्यीय संसद में रानिल विक्रमसिंघे के पास केवल एक सीट है. उन्होंने बुधवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से राजनीतिक हालात को लेकर चर्चा की थी, जिसके बाद उनके एक बार फिर श्रीलंका के प्रधानमंत्री बनने के कयास लगाए जाने लगे थे.

बता दें कि श्रीलंका के चार बार प्रधानमंत्री रह चुके विक्रमसिंघे की पार्टी पिछले चुनाव में महिंदा राजपक्षे की अगुवाई वाली श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) की आंधी में धराशाई हो गई थी. पार्टी को महज एक सीट से ही संतोष करना पड़ा था, लेकिन नियती को कुछ और ही मंजूर थी.

सत्ता पर काबिज राजपक्षे परिवार की गलत और तानाशाही भरे फैसलों से आज श्रीलंका ऐसी आर्थिक संकट से जूझ रहा है, जहां से देश के बाहर निकलने का कोई रास्ता राजनीतिक नेतृत्व को सुझाई नहीं दे रहा है. हालात से बेजार लंकाइयों के उग्र विरोध-प्रदर्शन के बीच महिंदा राजपक्षे को देश छोड़कर भागना पड़ा है.

बात करें रानिल विक्रमसिंघे की तो समाचार पत्र कोलंबो पेज के मुताबिक, सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) ने, विपक्षी समगी जन बालावेगाया (एसजेबी) के एक धड़े के साथ अन्य कई दलों ने संसद में उन्हें बहुमत साबित करने के लिए अपना समर्थन जताया है.

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