सिरसा/पंचकूला. डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को रणजीत सिंह हत्याकांड में अब 18 अक्टूबर को सजा सुनाई जाएगी. सीबीआई कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. सुनवाई के दौरान राम रहीम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट रूम से जुड़ा. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट द्वारा मंगलवार को पंचकूला में फैसला सुनाया जाना था, मगर इसे सुरक्षित रख लिया गया है. देर शाम यह जानकारी वकीलों की ओर से दी गई.
सीबीआई अदालत ने डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह सहित पांच लोगों को इस मामले में 8 अक्टूबर को दोषी करार दिया था और फैसले को दो दिन के लिए सुरक्षित रखा गया था. डेरा प्रमुख को सीबीआई कोर्ट द्वारा तीसरी बार सजा सुनाने वाली थी मगर आज सजा नहीं सुनाई जा सकी. वहीं दिन में पंचकूला की सीबीआई कोर्ट में सजा पर सुनवाई हुई. राम रहीम सुनारिया जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुआ था. यह भी बताया गया कि गुरमीत राम रहीम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हाथ जोड़े खड़ा रहा. कोर्ट के अंदर अन्य दोषी भी मौजूद रहे.
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केस के 4 अन्य दोषी कृष्ण लाल, अवतार, सबदिल और जसबीर प्रत्यक्ष रूप से कोर्ट में पेश हुए. पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में सुनवाई हुई. जज सुशील गर्ग रणजीत हत्याकांड में अब 18 अक्टूबर को फैसला सुनाएंगे. इससे पहले सुनवाई दोपहर बाद तक के लिए स्थगित कर दी गई थी. बता दें कि इससे पहले डेरा प्रमुख को सीबीआइ कोर्ट ने 25 अगस्त 2017 को साध्वी यौन शोषण मामले में सजा आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. उसके बाद सिरसा निवासी पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या मामले में दोषी करार दिया था. आज फिर से सबको इंतजार था कि राम रहीम गुरमीत सिंह को सीबीआई कोर्ट क्या सजा सुनाती है. वहीं पंचकूला में फैसले को लेकर धारा 144 लागू है. कहीं भी अकारण पांच से ज्यादा लोग खड़े नहीं हो सकते हैं.
बता दें कि 25 अगस्त 2017 को डेरा प्रमुख को साध्वी यौन शोषण मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला व सिरसा में हिंसा भड़क गई थी. सिरसा में पुलिस फायरिंग में कई लोगों की जान चली गई थी. इस मामले में षडयंत्र रचने व देश द्रोह के आरोप में डेरा प्रबंधन कमेटी से जुड़े आदित्य इन्सां, डा. नैन, डेरा प्रमुख की मुंह बोली बेटी हन्नीप्रीत सहित अन्यों पर मामले दर्ज किए गए थे.