अमित पांडेय, डोंगरगढ़। जिले के छुरिया नगर पंचायत के मां दंतेश्वरी मंदिर के आसपास इन दिनों एक अनोखी हलचल देखी जा रही है। दुर्लभ प्रजाति का काला तेंदुआ पिछले कई दिनों से पहाड़ी क्षेत्र में घूमता नजर आ रहा है। यह खबर जहां वन्यजीव प्रेमियों के लिए उत्साहजनक है, वहीं स्थानीय लोगों के लिए चिंता का कारण बन गई है।

काले तेंदुए की विशेषता इसकी खाल पर अधिक मात्रा में ‘मेलानिन’ (Melanin) नामक वर्णक का होना है, जिससे उसकी खाल पूरी तरह काली दिखाई देती है। हालांकि, गौर से देखने पर उसकी त्वचा पर सामान्य तेंदुए की तरह चित्तीदार पैटर्न नजर आता है। भारत में काले तेंदुए की मौजूदगी मुख्य रूप से कर्नाटक के काबिनी वन क्षेत्र में प्रसिद्ध है, लेकिन छुरिया के मां दंतेश्वरी पहाड़ पर इसकी उपस्थिति सभी को हैरान कर रही है।

हर रोज दिख रहा तेंदुआ, फिर भी वन विभाग खामोश!

स्थानीय लोगों का कहना है कि तेंदुआ हर रोज दिखाई दे रहा है। शाम करीब पांच बजे वह मुख्य सड़क के पास ऊंची चट्टानों पर आराम करता भी देखा गया। इसके बावजूद वन विभाग सिर्फ निगरानी की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी से बचता नजर आ रहा है।

क्षेत्रवासियों का आरोप है कि विभाग की लापरवाही से किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। बच्चों के स्कूल जाने से लेकर मवेशी चराने तक हर काम खतरे के साए में हो रहा है। एक हफ्ते से ज्यादा बीतने के बाद भी विभाग की निष्क्रियता लोगों में नाराजगी और डर दोनों बढ़ा रही है।

सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरें, अफवाहों का बाज़ार गर्म!

काले तेंदुए की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। कई लोग इसे दुर्भाग्य का संकेत मान रहे हैं, तो कुछ इसे रहस्यमयी घटना से जोड़कर तरह-तरह की बातें बना रहे हैं। अफवाहों के दौर में हकीकत जानना मुश्किल होता जा रहा है। जब वन विभाग से प्रतिक्रिया मांगी गई, तो अधिकारियों ने अब तक किसी भी आधिकारिक पुष्टि से बचने का रास्ता चुना है, जिससे लोगों का गुस्सा और डर और भी बढ़ गया है।

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विशेषज्ञों की राय में ज़रूरी कदम

वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि काले तेंदुए का इस क्षेत्र में दिखना दुर्लभ जरूर है, लेकिन उसके प्रवासन (Migration) पैटर्न को समझना जरूरी है।

अगर तेंदुए को पर्याप्त भोजन नहीं मिलेगा, तो वह मवेशियों और इंसानों की ओर आकर्षित हो सकता है, जिससे खतरा बढ़ेगा। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि इलाके में कैमरा ट्रैप लगाए जाएं, ताकि तेंदुए की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके। इससे उसके मूवमेंट को समझना आसान होगा और सुरक्षा के बेहतर उपाय किए जा सकेंगे।

क्या वन विभाग करेगा ठोस कार्रवाई?

फिलहाल बड़ा सवाल यही है कि वन विभाग लोगों की सुरक्षा को लेकर कब जागेगा? क्या तेंदुए की मौजूदगी को नजरअंदाज करने की बजाय विभाग कुछ ठोस कदम उठाएगा? काले तेंदुए की उपस्थिति ने पूरे इलाके को सतर्क कर दिया है, लेकिन जिम्मेदारों की चुप्पी अब भी बरकरार है।

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