सुशील खरे, रतलाम। मध्य प्रदेश के रतलाम में 2 आदिवासी युवकों की मौत के बाद समझौते पर विवाद ने बड़ा रूप धारण कर लिया। महिला एसडीओपी, महिला टीआई सहित 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए। चप्पे चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। पत्थरबाजी, लाठीचार्ज, आंसू गैस दागी गई। अभी भी हालात सामान्य नहीं है। आदिवासी नेता सहित 11 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है।

ये है पूरा मामला

दरअसल, रतलाम जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर बाजना के दो आदिवासी युवकों की बस दुर्घटना में मौत हो गई थी। दो दिन पूर्व रतलाम जिले के शिवगढ थाना अंतर्गत बस और बाइक की भिड़ंत में दो युवक की जान चली गई थी। इस पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने ट्वीट कर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए मृतक के परिवार को 2-2 लाख की आर्थिक सहायता दी है।

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इसे लेकर आक्रोशित ग्रामीणों और परिजनों ने गांव बाजना में बस स्टैंड चौराहे पर बस संचालक के भाई की दुकान के सामने शव रखकर चक्का जाम कर दिया। रास्ते बंद कर दिए गए। इस दौरान कुछ आदिवासी हाथों में लाठियां लेकर बाजार पहुंचे और उसे बंद करवाना शुरू कर दिया।

आदिवासी भांजगड़ा (आपसी समझौता) करना चाहते है और भांजगड़े में 50 लाख की मांग कर रहे थे। लेकिन मामला सुलझ नहीं पा रहा था। देर रात बवाल की स्थिति पैदा हो गई। आदिवासियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। जिसमें एसडीओपी नीलम बघेल सहित 9 पुलिसकर्मी घायल हो गए। बताया जा रहा है कि सभी को मामूली चोट आई है, कोई गंभीर घायल नहीं है।

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वहीं पुलिस ने 11 के खिलाफ मामला दर्ज कर 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस सूत्रों की माने तो घटना के बाद आक्रोश शांत को गया था, लेकिन इसे आदिवासी नेता विलेश खराड़ी ने एक वीडियो जारी कर उकसाया है।

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