अभिषेक सेमर, तखतपुर। प्रदेश का एक जिला ऐसा भी है जहां पिछले 76 सालों से रावण की पूजा हो रही है. यहां इस मंदिर में भगवान राम और लक्ष्मण सहित हनुमान भी विराजमान है. साथ ही साथ सामने बने रावण की प्रतिमा की हर रोज वहां पूजा होती है. विजयादशमी को यहां का वैश्य समाज रावण की प्रतिमा की पूजा-अर्चना करने के बाद प्रतिमा बनाकर विधिविधान के साथ असत्य पर सत्य की जीत का पर्व मनाया जाता है. विजयादशमी के मौके पर यहां विशाल मेला भी लगता है.

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बता दें कि लगभग 76 साल पहले स्व. दुर्गा प्रसाद गुप्ता ने इन प्रतिमाओं को बनाया था. जिसके बाद से हर रोज इस प्रतिमाओं की पूजा-अर्चना की जाती है. रावण दहन के बाद पूरे शहर में रावण दहन करने की परंपरा है. बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व के रूप में माने जाने वाले दशहरा पर्व पर देश में रावण को याद किया जाता है पर तखतपुर एक ऐसा शहर है. जहां एक क्षेत्र का नाम रावण भाठा है और बकायदा भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान के साथ रावण की भी प्रतिमा विराजमान है. रावण और भगवान की बनी मूर्तियां दोनों आमने-सामने इस तरह बनाई गईं है, जिसमें रावण और राम के युद्ध को दिखाया गया है.

हर दिन यहां पूजे जाने वाले भगवान श्रीराम के साथ पूजा करने वाला व्यक्ति रावण की भी पूजा करते है यहां पहला शहर है जहां श्रद्धा के साथ प्रतिदिन राम के साथ रावण की भी पूजा होती है.

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पुरातत्व विभाग के द्वारा यहां संरक्षित शिव का भी विशाल मंंदिर है तख्तेश्वर महादेव के नाम से पहचान बना चुके इस मंदिर के नीचे मां महामाया रतनपुर तक एक सुरंग थी. जिसमें तखतपुर के राजा तख्तेश्वर सिंह रतनपुर पूजा अर्चना के लिए सुंरग मार्ग से जाया करते थे. आज भी आसपास क्षेत्र की जब भी खोदाई की जाती है, तब मंदिर प्रांगण में खोदाई के दौरान पुराने बर्तन, औजार, श्रृंगार सामग्री  उपयोगी सामान निकलते है.

तख्तेश्वर महादेव मंदिर के बाहर 25 फीट की शिव जी की विशाल प्रतिमा भी इसी रावण भाठा स्थल पर है. जहां श्रद्धा से लोग पूरे श्रावण के मास में और शिवराात्रि पर यहां पर लगने वाले मेले के दौरान भी रावण की प्रतिमा पूजी जाती है. यहीं पर कुछ देर पर स्थित मां किलावाली चण्डी मंदिर भी काफी ख्याति प्राप्त है.

प्रतिवर्ष दशहरे के दिन इस रावण भाठा स्थल पर गुप्ता सामाज द्वारा रावण दहन का कार्यक्रम रखा जाता है. समाज के अध्यक्ष बसंत गुप्ता ने बताया कि स्व. दुर्गा प्रसाद गुप्ता द्वारा रावण भाठा स्थल पर क्षेत्र के लोगों की धार्मिक भावनाओं को ख्याल में रखते हुए रावण भाठा परिसर में भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी के साथ रावण की प्रतिमा बनवाई गई थी. जिसकी पूजा गुप्ता समाज द्वारा पूजा अर्चना की जाती है और दशहरे के दिन भगवान राम के साथ रावण की भी पूजा अर्चना की जाती है.

रावण भाठा परिसर में बने रावण की प्रतिमा की पूजा अर्चना आसपास के जब लोग तख्तेश्वर महादेव चण्डी मंदिर और राम जी की पूजा करने आते है। तब रावण की भी श्रद्धा के साथ पूजा अर्चना की जाती है और वैसे भी संसार में मन की रावण को मारने की बात इस प्रतिमा के माध्यम से समाज को संदेश दिया जाता है। स्व.दुर्गा प्रसाद जी द्वारा मंदिर परिसर में लगभग सन 1945 में रावण और भगवान राम, लक्ष्मण और हनुमान जी की प्रतिमा की स्थापना की थी। इस वर्ष भी दशहरे पर्व पर वैश्य गुप्ता समाज द्वारा दशहरे के दिन रावण का पुतला दहन करने का आयोजन रखा है जिसकी तैयारीयों के लिए वहां पर विराजित प्रतिमाओं का रंग रोगन किया जा रहा है.