सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। पण्डित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय का 25वाँ दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यपाल अनुसुईया उइके थीं. अध्यक्षता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की. दीक्षांत समारोह में 151 शोधार्थियों को डॉक्टोरेट की उपाधि प्रदान करने के साथ 67 स्टूडेंट्स को 137 गोल्ड मैडल दिया जाएगा.

इस अवसर पर राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि सही अर्थ में दीक्षांत वह है, जब विद्यार्थी अब तक प्राप्त संवैधानिक ज्ञान के आधार पर अपने जीवन के उद्देश्यों को प्राप्त करे. शिक्षा मनुष्य के लिए वरदान है. उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियो को बधाई देते हुए कहा कि आज विद्यार्थियों में प्रतिभा की कमी नहीं है. उनके पास ज्ञान का असीम भंडार है. युवा वर्ग अपने नैतिक मूल्यों को समझते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करें.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आज युवाओं के सामने पढ़ाई से लेकर भविष्य निर्माण के अनेक विकल्प हैं. उन्होंने गोल्ड मैडल और डॉक्टोरेट पाने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि जो आवश्यकता आज समाज को है, उसमें खोज करे तो विश्वविद्यालय पटल शिखर पर होगा. हमने महोत्सव का आयोजन किया है, जिसमें युवाओं को प्रतिभा दिखाने का मौका मिला है. नरवा, गरूवा, घुरूवा अउ बाड़ी के विस्तार के लिए आप सभी विद्यार्थी समय निकले, जिससे उसका लाभ समाज को मिले. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के नवनिर्माण में आप युवाओं की अहम भागीदारी हो. उन्होंने इस अवसर पर विद्यार्थियों को व्हाट्सअप यूनिवर्सिटी से बचने की सलाह दी.

मुख्य वक्ता अशोक वाजपेयी ने कहा कि अज्ञान का बड़ा संकट है, अज्ञान अग्रसर है. समाज में ज्ञान की अवज्ञा बढ़ रही है. और यह सब इलेक्ट्रॉनिक मीडया की वजह से हो रहा है. शब्द हमारे पास बहुत कम हो रहे हैं. युवाओं लोग सपना नहीं देखेंगे तो क्या बूढ़े देखेंगे. सारी दुनिया को बदलने के सपने युवाओं ने देखे. कुछ सपने सफल हुए और कुछ नहीं हुए. छत्तीसगढ़ में सांस्कृतिक बौद्धिक नवाचार की आवश्यकता है. छत्तीसगढ़ में पंडवानी की अद्भुत परम्परा रही है.

उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि महाविद्यालय के स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं में 10,000 सीटों की वृद्धि की गई है, साथ ही महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों के 1384 रिक्त पदों की भर्ती की गई है. आने वाले दिनों ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ में और भी कार्य होंगे, जो विद्यार्थियों का बेहतर भविष्य तय करेंगे.