स्पोर्ट्स डेस्क. भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री का मानना है कि टीम को टी-20 विश्वकप में जसप्रीत बुमराह और रवींद्र जडेजा की कमी खलेगी, लेकिन इससे नए चैम्पियन को खोजने का मौका भी मिलेगा. बुमराह और जडेजा चोटिल होने के कारण ऑस्ट्रेलिया में इस महीने शुरू होने वाले टी-20 विश्वकप में नहीं खेल पाएंगे. जडेजा का घुटना चोटिल है, जबकि बुमराह पीठ की गंभीर समस्या से परेशान हैं.

बता दें कि, शास्त्री ने बी. अरुण और आर. श्रीधर के साथ मिलकर ‘कोचिंग बियोंड’ नाम की अपनी नई पहल के शुरुआत के अवसर पर कहा कि बुमराह वहां नहीं होगा, जडेजा वहां नहीं होगा और इससे टीम प्रभावित होगी, लेकिन साथ ही यह नए चैम्पियन ढूंढने का भी मौका होगा.

खिलाड़ियों का चोटिल होना दुर्भाग्यपूर्ण
शास्त्री ने कहा कि, बुमराह की चोट दुर्भाग्यपूर्ण है. बहुत अधिक क्रिकेट खेला जा रहा है और खिलाड़ी चोटिल हो रहे हैं. वह चोटिल हैं, लेकिन यह किसी दूसरे के लिए मौका भी है. चोट के मामले में आप कुछ नहीं कर सकते. बुमराह की जगह अभी तक किसी नए खिलाड़ी को नहीं चुना गया है, लेकिन मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने संकेत दिए हैं कि यदि मोहम्मद शमी कोविड-19 से उबर कर पूर्ण फिटनेस हासिल कर लेते हैं तो उन्हें टीम में लिया जा सकता है. टी20 विश्वकप के लिए स्टैंडबाय के रूप में भारतीय टीम में शामिल शमी ने जुलाई से प्रतिस्पर्धी क्रिकेट नहीं खेला है. लेकिन शास्त्री का मानना है कि इस तेज गेंदबाज का ऑस्ट्रेलिया में खेलने का अनुभव भारत के काम आएगा.

ऑस्ट्रेलिया में खेलने का अनुभव काम आएगा
पूर्व भारतीय ऑलराउंडर शास्त्री ने कहा कि, शमी को ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों में खेलने का काफी अनुभव है. भारत ने पिछले 6 वर्षों में ऑस्ट्रेलिया के काफी दौरे किए हैं और वह इनमें टीम का हिस्सा रहा है. इसलिए यह अनुभव मायने रखता है. उन्होंने कहा कि, कुछ खिलाड़ियों के चोटिल होने के बावजूद भारतीय टीम काफी अच्छी है. 1983 विश्वकप विजेता टीम का हिस्सा रहे शास्त्री ने कहा कि, मुझे लगता है कि हमारी टीम काफी अच्छी है. अगर आप सेमीफाइनल में जगह बना लेते हो तो फिर कोई भी टीम चैम्पियन बन सकती है. इसलिए अच्छी शुरुआत पर ध्यान देना जरूरी है.

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