हेमंत शर्मा, रायपुर। राजधानी रायपुर में कच्ची शराब तस्करों के हौसले बुलंद है. यह हम नहीं कह रहे बल्कि बीते एक डेढ़ माह के भीतर पुलिस की छापेमारी में तीन अवैध कच्ची शराब की फैक्ट्रियों का भंड़ाफोड़ करने से स्पष्ट हो रहा है. इससे जाहिर है कि राजधानी में कच्ची शराब का अवैध निर्माण और बिक्री लम्बे समय से जारी है.

राजधानी के आउटर इलाके हीरापुर में लगातार पुलिस को यह सूचना मिल रही थी कि घरों में कच्ची शराब का निर्माण किया जा रहा है. इस पर सीएसपी आजाद चौक के नेतृत्व में एक टीम बनाकर 6 फरवरी को हीरापुर टेंगना तालाब के पास स्थित एक घर में दबिश दी गयी. पुलिस की टीम जब मौके पर पहुंची तो कच्ची शराब बना रहे 70 वर्षीय कुलवंत सिंह को पकड़ा गया. इसके पास से 200 लीटर कच्ची शराब और सामान जब्त किया गया था. आरोपी बेहद शातिर तरीके से घर के अंदर एक कमरे में शराब बना रहा था.

इसके बाद आरोपी से मिली जानकारी के आधार पर अगले दिन 7 फरवरी को उसी इलाके में पुलिस ने दबिश देकर घर में शराब बना रहे गुरमेल सिंह को गिरफ्तार कर 60 लीटर कच्ची शराब जब्त गया. इसके बाद पुलिस ने तीसरी कार्रवाई टाटीबंध इलाके में 25 मार्च को की. ढांचा भवन के पास पुलिस टीम ने छापा मारकर घर में शराब बना रहे 55 वर्षीय जगतार सिंह को पकड़ा. उसके पास से 73 लीटर कच्ची शराब बरामद की गई. इस कार्रवाई के बाद यह पता चला है कि यह कच्ची शराब ट्रक चालकों-हेल्परों के अलावा आसपास के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को सप्लाई की जाती थी.

नशे के खिलाफ अभियान रहेगा जारी

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर लखन पटले का कहना है कि आमानाका इलाके में कल एक व्यक्ति को कच्ची शराब बनाते हुए पकड़ा गया है. गुड़ और सौफ से शराब बनाई जा रही थी. इससे पहले भी कबीर नगर इलाके में दो कार्रवाई की गई थी. हमारा यह अभियान लगातार जारी रहेगा. जो सूचना मिलती है उस पर कार्रवाई होती है. कई जगहों पर हमने मुखबिर लगाए हुए हैं.

विभाग किसी का कार्रवाई किसी की

छत्तीसगढ़ की राजनीति हो या आम लोगों की जुबान में शराब का मुद्दा छाया रहता है. सबसे अधिक राजस्व देने वाला आबकारी विभाग के अधिकारियों को कानो कान खबर नहीं है कि इस तरह से अवैध कच्ची शराब की फैक्ट्रिया संचालित हो रही है. जब राजधानी का यह नजारा है तो सुदूर और ग्रामीण क्षेत्रो में क्या स्थिति होगी यह समझा जा सकता है. भला हो पुलिस का जिसने आबकारी विभाग की तरह राजस्व के नुकसान की चिंता किए बगैर लोगों का जान बचाने में अहम् भूमिका निभाई है.

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केमिकल युक्त है यह शराब

अब तक जितनी भी कार्रवाई है उसमें पुलिस की सक्रियता को सराहा जा रहा है. जब्त कच्ची शराब में जिस तरह केमिकल का उपयोग किया जा रहा है, उससे यही साबित होता है कि नशे के नाम पर लोगों के स्वास्थ्य के साथ किस तरह बड़ा खिलवाड़ किया जा रहा था. मदिरा प्रेमी के लिए भले ही नशा हो लेकिन उनके साथ-साथ परिवार के लिए एक धीमी और दर्दनाक मौत से कम नहीं. इस तरह से केमिकल युक्त शराब परोसा वैसे भी कानूनन अपराध है.

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