नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने नोटबंदी को लेकर एक बार फिर अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा कि फरवरी 2016 में पहली बार उन्होंने सरकार को इससे होने वाले नुकसान को लेकर चेताया था. उन्होंने कहा कि आरबीआई ने केंद्र सरकार को एक नोट भी सौंपा था, जिसमें कुछ जरूरी कदम उठाए जाने को कहा गया था. रा
रघुराम राजन ने ये भी बताया कि काले धन को वापस लाने के लिए उन्होंने दूसरे उपाय भी सरकार को सुझाए थे. उन्होंने नोटबंदी से तुरंत होने वाले नुकसान को लेकर भी सरकार को आगाह किया था.
राजन ने अगले हफ्ते आने वाली अपनी नई किताब ‘आई डू व्हाट आई डू: ऑन रिफ़ॉर्म्स रिटॉरिक एंड रिसॉल्व’ में इन बातों का खुलासा किया है. वे लिखते हैं कि बिना पर्याप्त और उचित तैयारी के अगर नोटबंदी की गई, तो उसका क्या असर हो सकता है. उन्होंने कहा कि उन्होंने फरवरी 2016 में मौखिक रूप से सरकार को डिमॉनेटाइजेशन से होने वाले दीर्घकालीन फायदे और तत्काल होने वाले नुकसान को लेकर आगाह किया था.
गौरतलब है कि आरबीआई गवर्नर का अपना कार्यकाल खत्म होने के बाद बतौर फैकल्टी शिकागो यूनिवर्सिटी के बूथ स्कूल ऑफ बिजनस में रघुराम राजन ने वापसी कर ली।