आरबीआई ने गुजरात के तीन सहकारी बैंकों पर लाखों का जुर्माना लगाया है. उनमें को-ऑपरेटिव बैंक ऑफ राजकोट लिमिटेड, गांधीधाम मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड और मेघराज नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड शामिल हैं. बैंकिंग नियमों (Banking Rules) का सही से पालन नहीं करने के कारण RBI अक्सर बैंकों के ऊपर कार्रवाई करता रहता है. हालिया समय में रिजर्व बैंक खास तौर पर सहकारी बैंकों को लेकर सख्त हुआ है.

रिजर्व बैंक ने बताया कि गाइड लाइंस के पालन न करने के लिए यह कदम उठाना पड़ा है और यह पूरा मामला कहीं न कहीं बैंकों की वित्तीय स्थिति से भी जुड़ा हुआ है तो जाहीर है कि इससे इन बैंकों के ग्राहकों पर भी असर पड़ने वाली है. इन सहकारी बैंकों पर लगातार आरबीआई की निगरानी थी. आरबीआई ने पाया कि बैंक ने एक के बाद एक लोन अप्रूवल के मामले नियमों का उलंघन किया, जिसके कारण बैंकों पर जुर्माना लगाया गया है.

जानिए कितना लगा जुर्माना?
राजकोट के सहकारी बैंक पर सबसे अधिक 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जबकि बाकी दो पर 25000 रुपये (मेघराज नागरिक) और 50000 रुपये (गांधीधाम मर्केंटाइल) का जुर्माना लगाया गया है. राजकोट के सहकारी बैंक के लिए आरबीआई ने कहा कि बैंक ने डिपॉजिटर्स एजुकेशन और जागरूकता फंड में दस साल से अधिक समय से बकाया कई खातों में बैलेंस राशि को ट्रांसफर नहीं किया है. इसी आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उसे कारण बताने की सलाह दी गई थी कि आरबीआई द्वारा जारी निर्देशों का पालन न करने पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए. बैंक के जवाब पर विचार करने के बाद बैंक नियामक इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि बैंक पर मोनेटरी फाइन लगाया जाना जरूरी है.