RBI Monetary Policy Meeting : भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार आठवीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. RBI ने ब्याज दरों को 6.5% पर अपरिवर्तित रखा है. यानी लोन महंगे नहीं होंगे और आपकी EMI भी नहीं बढ़ेगी. RBI ने आखिरी बार फरवरी 2023 में दरें 0.25% बढ़ाकर 6.5% की थीं.
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज यानी शुक्रवार को 5 जून से चल रही मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी. यह बैठक हर दो महीने में होती है. इससे पहले अप्रैल में हुई बैठक में RBI ने ब्याज दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की थी.
RBI की MPC में छह सदस्य होते हैं. इसमें बाहरी और RBI के अधिकारी दोनों होते हैं. गवर्नर दास के साथ RBI के अधिकारी राजीव रंजन कार्यकारी निदेशक के तौर पर काम करते हैं और माइकल देबब्रत पात्रा डिप्टी गवर्नर हैं. शशांक भिड़े, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा बाहरी सदस्य हैं.
वित्तीय वर्ष 2022-23 में 6 बार में रेपो रेट (RBI Monetary Policy Meeting) में 2.50% की बढ़ोतरी की गई. वित्तीय वर्ष 2022-23 की पहली बैठक अप्रैल-2022 में हुई थी. तब RBI ने रेपो रेट को 4% पर स्थिर रखा था, लेकिन RBI ने 2 और 3 मई को आपातकालीन बैठक बुलाकर रेपो रेट को 0.40% बढ़ाकर 4.40% कर दिया. रेपो रेट में यह बदलाव 22 मई 2020 के बाद हुआ. इसके बाद 6 से 8 जून तक हुई बैठक में रेपो रेट में 0.50% की बढ़ोतरी की गई. इससे रेपो रेट 4.40% से बढ़कर 4.90% हो गई. फिर अगस्त में इसमें 0.50% की बढ़ोतरी की गई, जिससे यह 5.40% पर पहुंच गई.
सितंबर में ब्याज दरें 5.90% हो गईं. फिर दिसंबर में ब्याज दरें 6.25% पर पहुंच गईं. इसके बाद फरवरी में वित्त वर्ष 2022-23 की आखिरी मौद्रिक नीति बैठक हुई, जिसमें ब्याज दरों को 6.25% से बढ़ाकर 6.50% कर दिया गया.
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