दिल्ली. संभल शाही जामा मस्जिद विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मस्जिद कमेटी द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाते हुए याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने को कहा है. अब हाईकोर्ट के निर्देश पर ही कोई कार्रवाई हो सकेगी. साथ ही कहा है कि ये मामला हमारे पास लंबित रहेगा. इस पर नेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरु हो गई है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा, “हम कोर्ट का सम्मान करते हैं सर्वोच्च न्यायलय ने जो भी आदेश दिया है हम उसका सम्मान करेंगे और उस आधार पर काम करेंगे. हम किसी भी व्यक्ति को कानून हाथ में नहीं लेने देंगे. कानून-व्यवस्था को बनाए रखेंगे और निष्पक्ष जांच कराकर जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी”.
कोर्ट के फैसले का स्वागत- केशव प्रसाद मौर्य
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि ‘सरकार हमेशा कोर्ट के आदेश का पालन करती है. सपा लगातार कोर्ट का उल्लंघन करने वाला कार्य करती है. मैं कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं और सपा और उनके गुंडे-दंगाइयों, अपराधियों को हिदायत देता हूं कि माहौल खराब करने की कोशिश न करें. अन्यथा सपा डूब जाएगी. दूरबीन लेकर भी खोजेंगे तो पता नहीं चलेगा’.
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साजिश पर लगेगी पाबंदी- अवधेश प्रसाद
सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने संभल घटना पर सुप्रीम कोर्ट के आए आदेश को लेकर कहा है कि “कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है. न्यायपालिका का गौरवशाली इतिहास है. राष्ट्रहित में बहुत अच्छा काम किया है. इस रोक से देश में तमाम ऐसी जो घटनाएं करने की लोग साजिश करते रहते हैं उन पर पाबंदी लगेगी.
संभल की घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि ‘हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं, जिससे निश्चित तौर पर फौरी तौर पर राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट को अजमेर के मामले को भी देखना चाहिए. देशभर में 1991 के प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट की व्याख्या होनी चाहिए. अगर इसी तरह याचिकाएं दायर होती रहीं तो इससे अराजकता पैदा होगी’.
हम इसलिए सुप्रीम कोर्ट गए थे- बर्क
सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि ‘हम सुप्रीम कोर्ट इसी लिए गए थे क्योंकि हमें वहां से इंसाफ की उम्मीद थी. सुप्रीम कोर्ट ने अच्छा फैसला दिया है कि निचली सभी अदालतों पर रोक लगा दी है और आने वाली 6 जनवरी को सुनवाई की तारीख दी है. इसके साथ सर्वे रिपोर्ट को सील बंद लिफाफे में रखने के लिए कहा गया है.”
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संभल हिंसा पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि ‘संभल में जो हुआ वो नहीं होना चाहिए था…हमें शांति चाहिए…किसी भी पक्ष को कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए. उन्हें अदालत के फैसले से सहमत होना चाहिए’.
सामाजिक विचारधारा को खराब करने वाला विषय- शशि थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि ‘ये विषय हमारे देश के सामाजिक विचारधारा को खराब करने वाला विषय है. संभल में बहुत बुरी घटना हुई है. हमारे लिए बेहतर होगा कि हम ‘प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991’ के अनुसार इस प्रकार की चीजों को सुप्रीम कोर्ट के पास पहुंचा कर तय करें. हमारे देश में अभी भविष्य के बारे में सोचने का समय है, हमें 21वीं सदी में 15वीं-16 वीं सदी के विषय पर लड़ कर क्या लाभ होगा?
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