रायपुर। पति और ननद से इतना विवाद हो कि एक मां अपने मासूम बच्चों की हत्या करने के लिए विवश हो जाती है. ऐसी स्थिति में और समाजिक परिस्थिति में एक बड़ा सवाल खड़ा हो जाता है कि आखिर कोई महिला खुद कमजोर क्यों समझने लगती है. वो भी वो महिला जो पेश एक शिक्षिका और समाज के लिए पथप्रदर्शक हो. सच्ची और हृदयविदारक घटना वाली युमना की ये कहानी है.
घर के भीतर विवाद जो भी रहा हो इसमें कसूर उन मासूमों की तो नहीं थी जिन्हेंं उन्होंने मौत के घाट उतार दिया. खैर कहानी जो अब तक आपने पढ़ी उसमें नई और अहम बात को जानिए जो यमुना ने लल्लूराम डॉट कॉम से कही. अपने ही बच्चों को मारकर आत्महत्या की कोशिश करने वाली यमुना कहती हैं कि बीते 5 साल से पति से विवाद चल रहा था. पति बार-बार ताने मारते रहता, हर बात कसूरवार ठहराना है और भी कई यातनाए वे देते रहते हैं. ननद भी खूब ताने मरती और प्रताड़ित करते रहती इससे वे तंग आ चुकी थी.
वैसे यमुना ने 7 पेज का सुसाइड नोट भी लिखा है- जिसमें वो कहती है कि शादी एक पवित्र बंधन होता है जो प्यार और विश्वास पर टिका होता है. लेकिन जिसमें प्यार और विश्वास ना हो वो शादी, शादी नहीं बस दुनिया को दिखाने की वजह बन जाती है. मैं ये नहीं जानती है कि आप शादी से पहले से ऐसे थे या शादी के बास ऐसे हो गए. शादी के एक साल तो हंसी खुशी बीत गए, लेकिन शादी के दूसरे साल से आपने मेरे ऊपर तानों की बौछार कर दी. क्योंकि शादी होते ही मुझे बीएड जो कराया और बीएड में जो भी खर्चा हुआ उसका बार-बार मुझे ताना सुनना पड़ा. आप एक सनकी इंसान है. सनकी इंसान के साथ जीना मुश्किल है. रोज-रोज मरने से अच्छा एक बार ही जाओ. मुझे माफ कर देना लेकिन एक बात सच है मैं आप से बहुत प्यार करती हूँ हमारे इस झगड़े का असर मेरे बच्चों पर हो रहा था. आप से अलग होकर जीना भी मेरे लिए बहुत मुश्किल है. क्योंकि मैं आपके बगैर जी नहीं सकती. इसलिए मैं आज आपको आजाद कर रही हूूँ हमेशा-हमेशा के लिए एक खुशहाल जिंदगी के लिए. सोचती थीं कि अपने पिता के जिंदा रहते तक जी लूँ, लेकिन नहीं जी पाऊँगी. बहुत दर्द हुआ जब मैंने अपने बच्चों के साथ ये सब किया. लेकिन मेरे पास दूसरा कोई रास्ता नहीं था. आपके लिए तो आपकी बहन और उसके बच्चें सबकुछ थे. मेरे बच्चें तो बस दुनिया को दिखाने के लिए थे. मुझे बचाने की कोशिश मत करना. अगर मेरे बच्चें बच जाते हैं तो उन्हें अनाथ आश्रम में दे देना. मेरी आखिरी इच्छा समझकर पूरी कर देना. बेस्ट ऑफ लक योर ब्राइट फ्यूचर.
ये तो बात हुई यमुना ने जो लिखा है उसकी. अब ये जानिए यमुना की स्थिति वक्त है कैसी. यमुना इस वक्त एक निजी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जुझ रही है. यमुना का बयान पुलिस ने दर्ज कर लिया है. यमुना ने बयान में दोनों बच्चों की हत्या का गुनाह स्वीकार किया है.
लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि यमुना ने अपने हाथ की नसें काट ली है साथ उन्होंने गले धारदार हथियार से नुकसान पहुँचाया है. इसके साथ उन्होंने फिनाइल का भी सेवन कर लिया था. इससे उनकी स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है. हमारी पूरी कोशिश है कि हम यमुना की जान बचा सके.