नेशनल हेराल्ड मामले (National Herald case) पर समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि ‘कांग्रेस ने ही ईडी कानून बनाया था. उस समय कई पार्टियों ने इसका विरोध किया था, कांग्रेस से कहा था कि आप ऐसा कानून ला रहे हैं जिससे अंततः आपको ही परेशानी हो सकती है. महाराष्ट्र में जो भी नेता भाजपा के खिलाफ था, उसे ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग का सामना करना पड़ा. मैं इतना समझता हूं कि ईडी जैसे विभाग को खत्म कर देना चाहिए.’

अखिलेश ने आगे कहा कि ‘मैं कांग्रेस से भी यही कहूंगा कि वह भी यही मांगे. ईडी होने का मतलब है कि आपको आयकर विभाग या जीएसटी जैसी अपनी संस्थाओं पर भी भरोसा नहीं है.’ देश में आयकर विभाग, जीएसटी जैसी संस्थाएं भी हैं.

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जानिए क्या है नेशनल हेराल्ड मामला

BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के ही मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे पर घाटे में चल रहे नेशनल हेराल्ड अखबार को धोखाधड़ी और पैसों की हेराफेरी के जरिए हड़पने का आरोप लगाया था. आरोप के मुताबिक, कांग्रेसी नेताओं ने नेशनल हेराल्ड (National Herald case) की संपत्तियों पर कब्जे के लिए यंग इंडियन लिमिटेड ऑर्गेनाइजेशन बनाया और उसके जरिए नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) का अवैध अधिग्रहण कर लिया. स्वामी का आरोप था कि ऐसा दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपए की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया था.

सुब्रमण्यम स्वामी ने की थी मुकदमा चलाने की मांग

सुब्रमण्यम स्वामी ने 2000 करोड़ रुपये की कंपनी को केवल 50 लाख रुपये में खरीदे जाने को लेकर सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत केस से जुड़े कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी. जून 2014 ने कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया. अगस्त 2014 में ED ने इस मामले में एक्शन लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया. दिसंबर 2015 में दिल्ली के पटियाला कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत सभी आरोपियों को जमानत दे दी.