अभिषेक सेमर, तखतपुर। प्रदेश की भूपेश सरकार प्रशाशनिक कसावट लाने और रिश्वखोरी को रोकने के लिए तमाम हथकंडे अपना रही है, लेकिन अधिकारी रिश्वतखोरी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. वहीं तख़तपुर उप पंजीयक कार्यालय के रजिस्ट्रार वी. एस. मिंज पर जमीन की रजिस्ट्री के एवज में 3000 मांगने का आरोप लगा है. रजिस्ट्री कराने आये ग्रामीणों ने लिखित शिकायत की है.
ताजा मामला न्यायधानी के तख़तपुर ब्लॉक का सामने आया है. जहां उपपंजीयक कार्यालय में जमीन की रजिस्ट्री कराने आये सीधे साधे ग्रामीण से रजिस्ट्री करने के एवज में 3000 की रिश्वत की मांग की. जहां ग्रामीणों ने देने से इनकार किया तो रजिस्ट्री नहीं करने की बात कहते हुए ग्रामीणों को बाहर का रास्ता दिखा दिया.
तख़तपुर उप पंजीयक कार्यालय में रजिस्ट्री के लिए आने वाले लोगों से पंजीयन शुल्क के अतिरिक्त पैसे लिए जाने की शिकायत लगातार मिल रही थी. सोमवार को यह बात खुल कर तब सामने आ गया जब जनपद क्षेत्र के ग्राम खजूरी के आवेदकों ने एसडीएम के सामने प्रस्तुत होकर पंजीयन के बदले पैसे मांगे जाने की मौखिक शिकायत की. इस पर एसडीएम महेश शर्मा ने लिखित शिकायत प्रस्तुत करने को कहा. शिकयतकर्ताओं ने एसडीएम कार्यलय में इसकी लिखित शिकायत भी दर्ज कराई है.
दरअसल, आज खजुरी गांव की अमरिका बाई कोसले, उर्मिला बाई , निर्मला बाई और विमला बाई अपनी जमीन को अभिषेक वानी के नाम बिक्री की रजिस्ट्री कराने तख़तपुर उप पंजीयक कार्यालय आए थे. चारों का फोटो और हस्ताक्षर होने के बाद भी उनका पंजीयन नहीं हो पाया.
आवेदिकाओं के साथ आए खजूरी के सरपंच प्रतिनिधि सूरज कोशले ने आरोप लगाया कि जमीन की रजिस्ट्री के लिये उप पंजीयक द्वारा 3000 रुपये मांगा गया, जिसे देने से मना करने के कारण जमीन की रजिस्ट्री नही की गई. हमने इसकी मौखिक शिकायत एसडीएम से की तो उन्होंने लिखित में शिकायत करने के लिए कहा. हमने उप पंजीयक के विरुद्ध लिखित शिकायत भी कर दिया है.
यह है पूरा मामला
आवेदकों द्वारा एसडीएम कार्यालय में दिए गए आवेदन के अनुसार सकरी राजस्व मंडल के अंतर्गत खजूरी में खसरा नंबर 73 में उक्त चारों आवेदिकाओं के संयुक्त नाम की 50 डिसमिल जमीन की बिक्री अभिषेक वानी नाम के शख्स से तय हुआ था. बिक्री की जा रही जमीन पर ऑनलाइन में बैंक में कर्ज दिखा रहा है, जबकि आवेदकों ने उस कर्जे को अदा कर उसकी रसीद भी ले ली है और ऋण पुस्तिका में भी सुधार कर लिया है.
सोमवार को दोपहर दो बजे का पंजीयन टोकन मिलने पर तख़तपुर उप पंजीयक कार्यालय पहुंची थी।पंजीयन कराते समय क्रेता और विक्रेताओं के फोटो और हस्ताक्षर ले लिए गए थे, लेकिन जब जमीन के वेरिफिकेशन की बारी आई तो उप पंजीयक ने ऑन लाइन में जमीन के बैंक में बंधक होने की बात कहते हुए रजिस्ट्री कराने से मना कर दिया.
इस पर आवेदकों ने उप पंजीयक को बताया कि उन्होंने बैंक का कर्ज चुकता कर देने की बात कहते हुए बैंक की पावती दिखाया और ऋण पुस्तिका में जमीन के बंधक मुक्त होने को भी दिखाया, लेकिन उप पंजीयक ने रजिस्ट्री कराने के लिए 3000 की मांग करने लगे और जब आवेदकों ने नही दिया तो उनकी जमीन की रजिस्ट्री नहीं कराई.
वहीं उप पंजीयक वी.एस. मिंज का कहना है कि जमीन बैंक में बंधक होने पर जमीन की रजिस्ट्री नहीं की गई है. पैसे मांगने का आरोप निराधार हैं. किसी से कोई पैसे की मांग नहीं की गई है. उन्हें अपनी जमीन को ऑनलाइन बंधक मुक्त कराने कहा गया है.
बहरहाल, इस मामले में देखना होगा कि इस बार भी सिर्फ जांच की बात कही जाएगी या फिर दोषी अधिकारी पर कार्रवाई की चाबुक चलेगी.