Kanpur Dehat News. कानपुर देहात में सोमवार शाम अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान आग लगने से मां-बेटी जिंदा जल गईं. परिजनों ने आरोपी अधिकारियों की गिरफ्तारी तक शवों का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया है. परिवार इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी बात करना चाहता है. वहीं ग्रामीणों में भारी आक्रोश है.

कानपुर देहात के मैथा तहसील की मड़ौली पंचायत के चाहला गांव के ग्रामीणों ने कहा कि अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान पुलिसकर्मियों ने झोपडी में आग लगा दी. इस आग में प्रमिला दीक्षित (45) और उनकी बेटी नेहा (20) की मौत हो गई. घटना के 18 घंटे से अधिक समय बीत चुका है. जले हुए शरीर अभी भी उनकी झोपड़ी में पड़े हैं. भाई शिवम ने अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि जब तक आरोपी अधिकारियों की गिरफ्तारी नहीं होगी तब तक अंतिम संस्कार नहीं होगा.

बता दें कि जिला पुलिस ने शुरू में दावा किया था कि महिलाओं ने खुद ही आग लगाई. लेकिन तेजी से यू-टर्न लेते हुए पुलिस ने मंगलवार को सब डिविजनल मजिस्ट्रेट, स्थानीय थाने के प्रभारी और बुलडोजर चलाने वाले सहित 13 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया. उन पर हत्या के प्रयास और जानबूझकर चोट पहुंचाने का भी आरोप लगाया गया है.

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ग्रामीणों ने कहा कि अधिकारी बुलडोजर लेकर पहुंचे और उन्हें कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई. प्रमिला के बेटे शिवम दीक्षित ने कहा, जब हम अंदर थे, तब उन्होंने आग लगा दी. मैं बस भागने में सफल रहा. उन्होंने हमारे मंदिर को तोड़ दिया. किसी ने कुछ नहीं किया, यहां तक कि जिला मजिस्ट्रेट भी नहीं. हर कोई भागा, कोई मेरी मां को नहीं बचा सका.

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