Reliance Infra Anil Ambani: अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को कोर्ट से मिली बड़ी जीत. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) के साथ विवाद में रिलायंस इंफ्रा के पक्ष में 780 करोड़ रुपये के मध्यस्थता पुरस्कार को बरकरार रखने का फैसला सुनाया है.

इस निर्णय से सोमवार को कंपनी के शेयरों में तेजी की संभावना बढ़ गई है. शुक्रवार को रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयर 328.70 रुपये पर मामूली गिरावट के साथ बंद हुए थे, लेकिन पिछले एक महीने में इन शेयरों ने 54 प्रतिशत की बढ़त हासिल की है.

पूरा मामला क्या है? 

दरअसल, कई साल पहले अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में 3,750 करोड़ रुपये में 1,200 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट लगाने का टेंडर जीता था. विवादों और अन्य कारणों से इस प्रोजेक्ट में देरी हुई, जिसके चलते डीवीसी ने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर से हर्जाना मांगना शुरू कर दिया.

हालांकि, रिलायंस इंफ्रा ने इस मामले को चुनौती दी, जिसके बाद वर्ष 2019 में एक मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया और डीवीसी को कंपनी को 896 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया, लेकिन डीवीसी ने मध्यस्थता न्यायाधिकरण के आदेश को कलकत्ता उच्च न्यायालय में चुनौती दी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया है. एक्सचेंज फाइलिंग में दी गई जानकारी

रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा, “यह सूचित किया जाता है कि 27 सितंबर, 2024 को, माननीय कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) द्वारा धारा 34 के तहत मध्यस्थता पुरस्कार को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना फैसला सुनाया, दिनांक 29 सितंबर, 2023 को रघुनाथपुर थर्मल पावर प्रोजेक्ट के संबंध में कंपनी के पक्ष में लगभग 780 करोड़ रुपये की राशि अर्जित ब्याज सहित.

कंपनी कानूनी सलाह के बाद कोई कार्रवाई करेगी

कंपनी ने कहा कि अदालत ने “पूर्व-पुरस्कार ब्याज पर राहत और बैंक गारंटी पर ब्याज दर में कमी के अपवाद के साथ (मध्यस्थता) पुरस्कार और कुल 181 करोड़ रुपये की राशि को बरकरार रखा, जो कुल मिलाकर अर्जित ब्याज सहित लगभग 780 करोड़ रुपये है. इसके अलावा, 600 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी भी जारी की जाएगी.” कानूनी सलाह के बाद कोई भी आगे की कार्रवाई की जाएगी.