उज्जैन। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार ध्वजारोहण किया। सीएम ने उज्जैन के दशहरा मैदान में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में तिरंगा फहराया। कार्यक्रम के दौरान सीएम ने अपने भाषण में कहा कि सरकार कड़े फैसले लेने में देरी नहीं करेगी।
सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि जन-सुविधा की दृष्टि से भोपाल स्थित बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने का निर्णय भी इस बात का प्रतीक है कि जब-जब जनता के हित की बात होगी, जब-जब जनता के कष्टों को दूर करने की बात होगी, तब-तब सरकार कड़े फैसले लेने में एक मिनट की भी देरी नहीं करेगी।
मुख्यमंत्री के गणतंत्र दिवस संदेश के प्रमुख बिन्दु
• राज्य सरकार ने श्रीराम वन गमन पथ के सभी प्रमुख स्थलों का विकास करते हुए चित्रकूट को विश्व-स्तरीय धार्मिक एवं पर्यटन स्थल का स्वरूप प्रदान करने का निर्णय लिया है।
• राज्य सरकार ओरछा के श्रीराम राजा परिसर में सरकार श्रीराम राजा लोक के विकास का पुनीत कार्य कर रही है।
• मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना के माध्यम से प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों को हवाई मार्ग एवं रेल मार्ग से भगवान श्रीराम के पावन दर्शन हेतु अयोध्या की यात्रा कराई जाएगी।
• ‘विकसित भारत-संकल्प यात्रा’ वर्ष-2047 तक भारत को विकसित देशों की श्रेणी में लाने की मोदी जी की गारण्टी का प्रतीक बनकर उभरी है।
• यात्रा के दौरान मध्यप्रदेश में 50 लाख से भी अधिक लोगों को लाभान्वित किया गया है।
• 2 करोड़ से अधिक नागरिकों का उमंग और उल्लास के साथ शामिल होना यह सिद्ध करता है कि एमपी के मन में मोदी जी हैं और मोदी जी के मन में एमपी है ।
• राज्य सरकार ने 161 बंदियों को जेल से रिहा किया है ।
• स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 में देश के सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार पाकर इंदौर ने सातवाँ आसमान छू लिया।
• मध्यप्रदेश, देश का दूसरा स्वच्छतम राज्य और भोपाल स्वच्छतम राजधानी बना ।
• प्रदेश की नई डबल इंजन सरकार ने आज 26 जनवरी को अपने गठन के 45 दिन पूरे कर लिए।
• इन्दौर की हुकुमचंद मिल के 4 हजार 800 से अधिक मज़दूर भाई-बहनों की बरसों की तपस्या सफल हुई, सरकार ने 224 करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्रदान करने का बड़ा निर्णय लिया।
• शपथ ग्रहण के तत्काल बाद लिये गये इन जनहितकारी निर्णयों से सरकार ने ये साफ संदेश दे दिया है कि प्रदेश में कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।
• गुंडे–बदमाशों के मन में पुलिस का डर बिठाना और आम आदमी के मन से पुलिस का डर निकालना ही सरकार की प्राथमिकता है।
• सरकार कड़े फैसले लेने में एक मिनट की भी देरी नहीं करेगी।
• संभागीय समीक्षा बैठकों के साथ ही संभागीय मुख्यालय पर बड़े पैमाने पर विकास कार्यों के शिलान्यास और लोकार्पण यह सिद्ध करते हैं कि सरकार जो कहती है, वो करके दिखाती है।
• विभिन्न प्रशासनिक इकाइयों जैसे- जिला, तहसील, थाने आदि की सीमाओं के युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है ।
• साइबर तहसील परियोजना को पूरे प्रदेश में लागू करने का निर्णय लिया गया।
• आम आदमी के दैनन्दिन के कार्यों से संबंधित नियमों को स्पष्ट, सरल और सुविधाजनक बनाया जा रहा है।
• लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग का विलय सुशासन की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है।
• एक हजार से अधिक पात्र पुलिस कर्मियों को उच्च पद का प्रभार सौंपा गया है।
• प्रदेश में 29 हजार करोड़ रुपये से अधिक लागत की 78 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के माध्यम से 2 हजार 800 किलोमीटर से अधिक लम्बाई की सड़कें बन रही हैं।
• राज्य सरकार द्वारा 7 हजार 200 किलोमीटर से अधिक लम्बाई की सड़कों का नवीनीकरण और मज़बूतीकरण कराया गया है।
• इन्दौर में 6 किलोमीटर से अधिक की लंबाई के 350 करोड़ रुपए लागत के एलिवेटेड कॉरिडोर की एक बड़ी सौगात दी गई है।
• नर्मदा प्रगति पथ, विंध्य एक्सप्रेस-वे, मालवा-निमाड़ विकास पथ, अटल प्रगति पथ, बुन्देलखंड विकास पथ, मध्य भारत विकास पथ, रिंग रोड, बायपास, रोपवे, फ्लाईओवर, रेल ओवर ब्रिज एवं एलिवेटेड कॉरिडोर आदि का मिशन मोड में निर्माण कर मध्यप्रदेश को सड़कों की दृष्टि से स्वर्णिम युग में पहुँचाया जायेगा।
• प्रदेश के इतिहास की अब तक की सर्वाधिक 17 हजार 586 मेगावॉट बिजली की माँग की पूर्ति हमने बिना किसी कटौती के की है।
• 5 प्रमुख पर्यटन शहरों को सोलर सिटी बनाने का लक्ष्य है।
• रीवा सोलर पार्क परियोजना को माननीय प्रधानमंत्री जी की ’अ बुक ऑफ इनोवेशन’ में स्थान मिला है।
• विश्व की सबसे बड़ी ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना की तर्ज पर 250 मेगावॉट की बिरसिंहपुर फ्लोटिंग सौर परियोजना लगभग एक हजार 800 करोड़ रुपये के निवेश से क्रियान्वित करने का लक्ष्य।
• ग्रीन बॉण्ड की राशि से स्थापित होने जा रहे जलूद सोलर एनर्जी प्लांट से लगभग 3 करोड़ रुपए प्रतिमाह की बचत होगी, दूसरी ओर प्रतिवर्ष 90 हजार कार्बन क्रेडिट भी अर्जित होंगे।
• नई सिंचाई परियोजनाओं के माध्यम से 31 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिल सकेगी।
• बुन्देलखंड की जीवन-रेखा कही जाने वाली केन-बेतवा लिंक परियोजना के प्रथम चरण का निर्माण कार्य हम इस वर्ष प्रारंभ कर देंगे।
• डिण्डोरी में श्रीअन्न अनुसंधान संस्थान, उज्जैन में चना अनुसंधान संस्थान और ग्वालियर में सरसों अनुसंधान संस्थान की स्थापना से इन फसलों की देशी किस्मों के संरक्षण और नई किस्मों के विकास की नई राहें खुलेंगी।
• राज्य सरकार द्वारा 100 करोड़ रुपए से भी अधिक की नई रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना लागू कर दी गई है।
• श्रीअन्न उत्पादन करने वाले किसानों को प्रति किलो 10 रुपए की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।
• फसल उत्पादन, भण्डारण, प्रोसेसिंग, मार्केटिंग, उपार्जन, ब्राण्ड बिल्डिंग के साथ वैल्यू चेन विकसित की जाएगी।
• ग्वालियर जिले में 13 करोड़ रुपए की लागत से मध्यप्रदेश की पहली हाईटेक फ्लोरीकल्चर नर्सरी स्थापित की जा रही है।
• एक हजार 800 से अधिक गौ-शालाओं के माध्यम से लगभग सवा 3 लाख निराश्रित गौ-वंश की देखभाल की जा रही है।
• विगत 9 वर्षों में प्रदेश के 2 करोड़ 30 लाख लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर आ गए हैं और इस मामले में मध्यप्रदेश देश के पहले 3 राज्यों में शामिल हैं।
• सरकार ने तेन्दूपत्ता संग्रहण दर 3 हजार रुपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा कर दी है।
• 5 करोड़ 30 लाख गरीब हितग्राहियों को नि:शुल्क खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है।
• वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना के तहत 11 लाख से अधिक गरीब परिवारों द्वारा पोर्टेबिलिटी के माध्यम से प्रतिमाह राशन प्राप्त किया जा रहा है।
• जल जीवन मिशन में अब तक लगभग 67 लाख घरेलू नल कनेक्शन लगाये जा चुके।
• आयुष्मान भारत योजना में लगभग 34 लाख गरीबों का नि:शुल्क उपचार हुआ ।
• सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के अंतर्गत 56 लाख 83 हजार से अधिक हितग्राहियों को लगभग 341 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान।
• दीनदयाल रसोई योजना के केन्द्रों की संख्या अब 56 से बढ़कर 191 हो गई है।
• प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजाति बहुल जिलों में 7 हजार 300 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से आँगनवाड़ी केन्द्रों, छात्रावासों, बहुउद्देशीय केंद्रों, सड़कों, पुलों और आवासों के निर्माण से 23 जिलों की 4 हजार 597 बसाहटों में निवास करने वाले बैगा, सहरिया एवं भारिया जनजाति के 11 लाख से अधिक भाई-बहन लाभान्वित होंगे।
• विशेष पिछड़ी जनजातियों की बहनों के खातों में 29 करोड़ रुपए से अधिक की राशि अंतरित की गई है।
• प्रधानमंत्री जी ने मध्यप्रदेश को 416 पीएमश्री विद्यालयों की सौगात दी है।
• अब तक 369 सीएम राइज़ विद्यालयों का संचालन प्रारंभ।
• सभी 55 जिलों में 55 शासकीय महाविद्यालयों का लगभग 485 करोड़ रुपए के निवेश से पीएम उत्कृष्टता महाविद्यालयों के रूप में उन्नयन करने का निर्णय।
• प्रदेश के 100 से अधिक विद्यालयों में रोबोटिक्स एवं कोडिंग के प्रशिक्षण के लिए विशेष लैब स्थापित की जा रही हैं।
• विश्वविद्यालयों में छात्र-छात्राओं की अंक सूची एवं उपाधियों को डिजी लॉकर में अपलोड करने की व्यवस्था लागू।
• आगर-मालवा में नया विधि महाविद्यालय प्रारंभ करने का भी निर्णय लिया गया ।
• प्रदेश में 28 नए आईटीआई खोले गए हैं, जिनमें 6 हजार 700 से अधिक युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण मिल सकेगा।
• लोक सेवा आयोग के माध्यम से चयनित लगभग 700 उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए।
• कर्मचारी चयन मण्डल के माध्यम से लगभग 28 हजार पदों के लिए आयोजित भर्ती परीक्षाओं के परिणाम भी शीघ्र घोषित किए जाएँगे।
• वर्ष 2024-25 में रोज़गार मेलों के माध्यम से 90 हजार ग्रामीण युवाओं को रोज़गार के अवसर प्रदान करने का लक्ष्य है।
• महिला स्व-सहायता समूहों को 3 हजार 700 करोड़ रुपए से अधिक का बैंक लिंकेज तथा लाड़ली शक्ति क्रेडिट कार्ड के माध्यम से व्यवसाय हेतु न्यूनतम ब्याज दर पर एक लाख रुपए तक की बैंक क्रेडिट सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।
• प्रदेश में 102 औद्योगिक क्षेत्रों तथा 35 एमएसएमई क्लस्टरों को विकसित किया जा रहा है।
• स्टार्टअप की संख्या भी बढ़कर 3 हजार 700 से अधिक और इंक्यूबेटरों की संख्या बढ़कर 68 हो चुकी है।
• अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला-2023 में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए मध्यप्रदेश के मण्डप को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया है ।
• उज्जैन के बटिक शिल्प, जबलपुर के पत्थर शिल्प, बालाघाट की वारासिवनी साड़ी, ग्वालियर के कारपेट और डिण्डोरी के रॉट आयरन को जीआई टैग प्राप्त होने की बड़ी उपलब्धि हासिल।
• पीथमपुर में एक हजार 100 करोड़ रुपए की लागत से राज्य का पहला मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क विकसित किया जा रहा है।
• हमारा निर्यात 65 हजार करोड़ रुपए को पार कर गया है, जो एक रिकॉर्ड है।
• औद्योगिक विकास को गति देने के लिए उज्जैन, शहडोल और सागर संभाग में नए क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किए जा रहे हैं।
• उज्जैन में आगामी महाशिवरात्रि पर्व से गुड़ी पड़वा पर्व तक विक्रमोत्सव-2024 एवं विशाल व्यापार मेले के आयोजन का निर्णय।
• स्वास्थ्य केन्द्रों में मिलने वाली दवाओं की संख्या लगभग दोगुनी कर दी है।
• प्रतिदिन 60 हजार से अधिक मरीजों की नि:शुल्क जाँचें की जा रही हैं।
• आयुष्मान भारत आरोग्य मंदिर केन्द्रों को 104 प्रतिशत क्रियाशील करने की उपलब्धि हासिल।
• धार जिले में 100 बिस्तरीय कर्मचारी राज्य बीमा चिकित्सालय के निर्माण की योजना।
• प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा हर लोकसभा क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की सौगात दी जा रही है । राज्य सरकार भी हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज बनाने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है।
• शासकीय कैलेण्डर में विक्रम संवत् को अंकित करने की शुरुआत सम्राट विक्रमादित्य की न्यायप्रियता, शौर्य और दानशीलता जैसे जीवन मूल्यों के प्रति सरकार की आदरांजलि।
• प्रदेश में जहाँ-जहाँ भगवान श्रीकृष्ण के चरण पड़े हैं, उन सभी स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जायेगा।
• श्रीराम वन पथ गमन मार्ग के सभी प्रमुख स्थलों का विकास चरणबद्ध तरीके से करने का निर्णय।
• राज्य सरकार द्वारा प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को पूरे प्रदेश में ‘तबला दिवस’ मनाने का निर्णय।
• सिंहस्थ-2028 की तैयारियाँ भी जोर-शोर से प्रारंभ।
• ’राजकाज’ को ऐसा ’रामकाज’ माना है, जिसमें प्रदेश की जनता का हित ही सर्वोपरि है।
प्रदेश का विकास यदि भवन है तो सुशासन उसकी नींव का पत्थर
प्रदेश का विकास यदि भवन है तो सुशासन उसकी नींव का पत्थर। विकास और हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा के हर घर तक, हर परिवार तक, हर व्यक्ति तक पहुंचाना ही सच्चे अर्थों में सुशासन है। एक ओर लगातार हो रही विभागों की समीक्षा के माध्यम से हर लक्ष्य की प्राप्ति के लिए माइक्रो प्लानिंग की जा रही है, वहीं दूसरी ओर सभी संभागों के विकास और कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए स्थानीय चुनौतियों को समझकर मौके पर ही निर्णय लिए जा रहे हैं।
कानून व्यवस्था की नियमित मॉनिटरिंग के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को संभागों का प्रभार सौंपा गया
सरकार ने जन सामान्य की सुविधा को केंद्र में रखते हुए विभिन्न प्रशासनिक इकाइयों जैसे- जिला, तहसील, थाने आदि की सीमाओं के युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। विकास कार्यों एवं कानून व्यवस्था की नियमित मॉनिटरिंग के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को संभागों का प्रभार सौंपा गया है। आम आदमी के कार्यों से संबंधित नियमों को स्पष्ट, सरल और सुविधाजनक बनाया जा रहा है।
राजस्व महाअभियान का आयोजन किया जा रहा
15 जनवरी से 29 फरवरी 2024 तक राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण और राजस्व अभिलेखों की त्रुटियों को सुधारने के लिए राजस्व महाअभियान का आयोजन किया जा रहा है। सुशासन को केंद्र में रखकर उठाए गए ये सभी कदम विकसित मध्यप्रदेश के निर्माण में मील का पत्थर साबित होंगे।
चमचमाती सड़कें वो आइना हैं, जहां से विकास का प्रतिबिम्ब साफ दिखाई देता है
चमचमाती सड़कें वो आइना हैं, जहां से विकास का प्रतिबिम्ब साफ दिखाई देता है। प्रदेश में 29 हजार करोड़ रुपये से अधिक लागत की 78 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के माध्यम से 2 हजार 800 किलोमीटर से अधिक लम्बाई की सड़कें बन रही हैं।
नर्मदा प्रगति पथ, विंध्य एक्सप्रेस-वे, मालवा-निमाड़ विकास पथ, अटल प्रगति पथ, बुन्देलखंड विकास पथ, मध्य भारत विकास पथ, रिंग रोड, बायपास, रोप-वे, फ्लाईओवर, रेल ओवर ब्रिज एवं एलिवेटेड कॉरिडोर आदि का मिशन मोड में निर्माण कर मध्यप्रदेश को सड़कों की दृष्टि से स्वर्णिम युग में पहुंचाया जायेगा।
मध्यप्रदेश में बिजली घर-घर को रोशन और खेत-खेत को सिंचाई से समृद्ध कर रही है। प्रदेश के इतिहास की अब तक की सर्वाधिक 17 हजार 586 मेगावॉट बिजली की मांग की पूर्ति हमने बिना किसी कटौती के की है। सांची सोलर सिटी की स्थापना के बाद अब 5 प्रमुख पर्यटन शहरों को सोलर सिटी बनाने का लक्ष्य है।
प्रदेश की रीवा सोलर पार्क परियोजना को माननीय प्रधानमंत्री जी की ‘अ बुक ऑफ इनोवेशन’ में स्थान मिला है। विश्व की सबसे बड़ी ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना की तर्ज पर 250 मेगावॉट की बिरसिंहपुर फ्लोटिंग सौर परियोजना लगभग 1 हजार 800 करोड़ रुपये के निवेश से क्रियान्वित करने का लक्ष्य है।
राज्य सरकार न केवल नई सिंचाई क्षमता निर्मित कर रही है, बल्कि उपलब्ध सिंचाई क्षमता का भी भरपूर उपयोग सुनिश्चित कर रही है। मध्यप्रदेश के विकास पथ को हमारे किसान भाई-बहनों ने अपने खून-पसीने से सींचा है। उनके परिश्रम का ही परिणाम है कि मध्यप्रदेश आज देश में दालों के उत्पादन में पहले, खाद्यान्न उत्पादन में दूसरे और तिलहन उत्पादन में तीसरे स्थान पर है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड, सॉइल हेल्थ कार्ड, समर्थन मूल्य पर उपार्जन, प्राकृतिक खेती और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन, मंडियो में ई-अनुज्ञा प्रणाली आदि के माध्यम से किसानों की आमदनी में लगातार वृद्धि की जा रही है।
प्रधानमंत्री के संकल्प के अनुरूप श्रीअन्न उत्पादन में एक नई क्रांति लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा 100 करोड़ रुपये से भी अधिक की नई “रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना” लागू कर दी गई है। ग्वालियर जिले में 13 करोड़ रुपये की लागत से मध्यप्रदेश की पहली हाईटेक फ्लोरीकल्चर नर्सरी स्थापित की जा रही है। प्रदेश में 1 हजार 800 से अधिक गौशालाओं के माध्यम से लगभग सवा 3 लाख निराश्रित गौवंश की देखभाल की जा रही है।
प्रदेश के 35 लाख से अधिक तेन्दूपत्ता श्रमिकों को लाभ देते हुए सरकार ने तेन्दूपत्ता संग्रहण दर 3 हजार रुपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा कर दी है। प्रदेश के 5 करोड़ 30 लाख गरीब हितग्राहियों को नि:शुल्क खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है।
वर्ष 2024-25 में रोजगार मेलों के माध्यम से 90 हजार ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने का लक्ष्य है। महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर फोकस करते हुए अगले वित्तीय वर्ष में महिला स्व-सहायता समूहों को 3 हजार 700 करोड़ रुपये से अधिक का बैंक लिंकेज तथा लाड़ली शक्ति क्रेडिट कार्ड के माध्यम से व्यवसाय हेतु न्यूनतम ब्याज दर पर 1 लाख रुपये तक की बैंक क्रेडिट सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।