मशरूम फाइटोकेमिकल्स जैसे ऐल्कलॉइड, फ्लेवोनॉइड्स, फेनोलिक एसिड, कैरोटीनॉयड्स, सेलेनियम, विटामिन, पॉलीसेकेराइड और ग्लूटाथिओन और एर्गोथायोनीन जैसे एंटीऑक्सिडेंट से भरा हुआ होता है, जो कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं. एक रिसर्च के मुताबिक, मशरूम खाने वाले लोगों को मशरूम न खाने वाले लोगों की तुलना में कैंसर होने का जोखिम कम होता है. रिसर्च बताता है कि मशरूम खाने से कैंसर के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है. हालांकि, इस दावे का समर्थन करने वाले वैज्ञानिक प्रमाण सीमित हैं, जिसके लिए हमें अभी और शोध करने की आवश्यकता है.

भूलने की बीमारी के लिए मशरूम के संभावित गुण

भूलने की बीमारी एक न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग है, जो न्यूरॉन्स की प्रगतिशील क्षति की विशेषता है, जिसके परिणामस्वरूप मनोभ्रंश और अनुभूति (कॉग्निटिव) में कमी आती है. इन रोगों के रोगजनन में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. जिब्रिल एमएटअल ने 2022 में समीक्षा की और उनके निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि मशरूम में ग्लूटाथियोन और एर्गोथियोनिन जैसे एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो मस्तिष्क पर सुरक्षात्मक प्रभाव डालते हैं. इससे पता चलता है कि मशरूम खाना अल्ज़ाइमर जैसी न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है.

डायबिटीज के लिए मशरूम के संभावित उपयोग

डायबिटीज एक मेटाबॉलिक विकार है, जो रक्त में ग्लूकोज के स्तर में वृद्धि से होता है. जेलेना एट अल ने 2021 में एक व्यवस्थित समीक्षा की, जिसमें उन्होंने कहा है कि मशरूम में पॉलीसैकेराइड अग्न्याशय (बीटा-कोशिकाओं) की कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि करके और ग्लूकोज अवशोषण को बाधित करके डायबिटीज विरोधी प्रभाव डालते हैं. अग्न्याशय की बीटा कोशिकाएं इंसुलिन उत्पन्न करती हैं और ग्लूकोज को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं. इसलिए, मशरूम में डायबिटीज को नियंत्रित करने की संभावना होती है. हालांकि, इन दावों का पता लगाने के लिए अभी और अधिक अध्ययन किए जाने चाहिए.