बीजिंग। आखिरकार कोरोना वायरस को लेकर दुनिया के सामने सच सामने आ ही गया है. कोरोना वायरस के उत्पत्ति स्थल वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी के शोधकर्ता ने दावा किया कि कोरोना वायरस को चीन ने एक बॉयो वेपन यानी जैविक हथियार के तौर पर तैयार किया था. शोधकर्ता ने दावा किया कि वायरस के चार अलग-अलग स्ट्रेन तैयार किये थे, जिससे पता लगाया जा सके कि कौन सा वायरस तेजी से फैल सकता है.

इंटरनेशनल प्रेस एसोसिएशन के सदस्य जेनिफर जेंग के साथ हुई खास बातचीत में वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी के शोधकर्ता चाओ शाओ ने बताया कि कैसे दूसरे शोधकर्ता शॉन चाओ ने स्वीकार किया कि उसके सीनियन ने उसे चार अलग-अलग स्ट्रेन दिये थे, और उनकी टेस्टिंग करने की बात कही थी. इसका यह पता लगाना था कि कौन सा स्ट्रेन जीवों में तेजी से फैल सकता है, और किसमें दूसरे जीवों को भी प्रभावित करने की कितनी क्षमता है.

चाओ शाओ ने यह भी दावा किया कि वुहान में 2019 के मिलिट्री वर्ल्ड गेम्स के दौरान कई सहयोगी गायब हो गए थे. हालांकि बाद में उनमें से एक ने खुलासा किया कि उन्होंने एथलीटों के स्वास्थ्य और हाइजीन की जांच करने के लिए होटल भेजा गया था. हालांकि, हाइजीन की जांच के लिए वॉयरोलॉजिस्ट की जरूरत नहीं है. चाओ शान ने शक जताया कि लापता साथियों को वायरस फैलाने के लिए होटल भेजा गया था.