रायपुर। छत्तीसगढ़ में आरक्षण संशोधन विधेयक पर कानूनी सलाह की तलवार लटकी हुई है. छत्तीसगढ़ में सियासी बवाल मचा हुआ है. BJP और कांग्रेस में ठन गई है. एक दूसरे में जुबानी जंग तेज है. इसी कड़ी में सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि जो तुरंत साइन करने वालीं थीं, वो आज भाजपा के दबाव में किंतु-परंतु कर रही हैं.

मीडिया से बातचीत में सीएम भूपेश बघेल ने आरक्षण विधेयक पर अब तक राज्यपाल के हस्ताक्षर न होने पर मुख्यमंत्री भूपेश ने बीजेपी पर निशाना साधा है. सीएम ने कहा कि जो राज्यपाल अनुसुईया उईके तुरन्त हस्ताक्षर करने वाली थीं, वो अब किंतु परंतु लगा रही हैं. राज्यपाल भोली महिला हैं, निश्छल हैं, आदिवासी हैं.

सीएम भूपेश ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी राज्यपाल पर दबाव बना रही है. इनके कई मुंह हैं. एक बोलता है, 70 दिन तक क्या करते रहे? दूसरा बोलता है इतनी जल्दी लाने की क्या जरूरत ?.

सीएम ने कहा कि विधानसभा से एक्ट पारित हुआ है, तुरन्त लागू होना चाहिए, रोका नहीं जाना चाहिए. हस्ताक्षर होकर जब तक हमारे पास नहीं आएगा, हम आगे काम कैसे करेंगे. प्रदेश की जनता के साथ मजाक बना कर रखे हैं.

बता दें कि इसके पहले आरक्षण बिल पर सोमवार तक करूंगी साइन: राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा था कि आरक्षण विधेयक पर परीक्षण के बाद हस्ताक्षर किया जाएगा. विधेयक का परीक्षण करने और सचिवालय से लीगल एडवाइजर के बाद सोमवार तक इस पर हस्ताक्षर करुंगी, लेकिन आज शनिवार है, अब भी आऱक्षण बिल पर मामला अटका हुआ है.

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति के लिए 32 फीसदी आरक्षण, अनुसूचित जाति के लिए 13 फीसदी आरक्षण, ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण और EWS के लिए चार फीसदी रिजर्वेशन का प्रावधान किया गया है.

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