संतोष गुप्ता, जशपुर. अखिल भारतीय जनजाति सुरक्षा मंच के बैनर तले शहर के रणजीता स्टेडियम में एक दिवसीय धरना दिया गया. जिसमें धर्मांतरित आदिवासीयों का आरक्षण खत्म करने की मांग की गई. इस मांग को लेकर मंच के पदाधिकारियों ने एसडीएम को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन भी सौपा है.
ईसाई मिशनरी अपना अलग देश बनाने की दिशा में कर रहे है काम!
इस दौरान जनजाति समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए जनजाति सुरक्षा मंच के संरक्षक एवं पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने कहा कि ईसाई मिशनरी अपना अलग देश बनाने की दिशा में जिले समेत पूरे प्रदेश में काम कर रहे हैं. जिले के भोले-भाले आदिवासी लोगों को अपने पक्ष में कर उन्हें बरगलाने का काम करते है. भगत ने कहा कि पिछले पांच सालो में जिले के अलग-अलग जगहों में मशरूम (खुखड़ी एवं पुटु) की तरह चर्च का निर्माण कराया गया है.ईसाई मिशनरी जिले में अशांति फैलाने का काम कर रहे हैं. गणेश राम भगत ने कहा कि 1978-80 के बीच में ईसाई मिशनरी जिले के बच्छरांव, बुटंगा, गायलुंगा एवं कलिया में नक्सलवाद को जन्म देने कि दिशा में सकारात्मक कार्य कर रहे थे, लेकिन इसके विरोध में किये गये आंदोलन की वजह उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया गया.
पत्थलगड़ी के नाम पर सीमेंटगड़ी बनाने का लगाया आरोप
पत्थलगड़ी मामले पर भगत ने कहा कि पत्थलगड़ी, पत्थर गाड़ने को कहा जाता है, लेकिन यहां तो सीमेंट गाड़ी हो रहा है. ईंट, गिट्टी रेत, सीमेंट से दीवाल खड़ा किया जा रहा है. पत्थलगड़ी के नाम पर सीमेंटगड़ी खड़ा करने वालो और जिले के साफ-सुथरे वातावरण को दूषित करने वाले लोगों को जनजाति सुरक्षा मंच कभी बर्दाश्त नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि धर्मांतरण के नाम पर यहां नक्सलवाद को जन्म नहीं होने देंगे.
झारखंड की तरह छत्तीसगढ़ में भी हो धर्मांतरित लोगों का आरक्षण समाप्त
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ और झारखंड एक साथ अस्तित्व में आये है. दोनों राज्य सगे भाई की तरह हैं. झारखंड के मुख्यमंत्री ने धर्मांतरित लोगों का आरक्षण समाप्त करने की दिशा में एक कदम बढ़ाया है, सरकार ने इसके लिये प्रस्ताव पारित कर दिया है. जिसके लिये भगत ने झारखंड की भाजपा सरकार को जनजाति सुरक्षा मंच की ओर से बधाई दिया, साथ ही छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार से धर्मांतरित आदिवासी लोगों का आरक्षण समाप्त करने की मांग की.
विधानसभा चुनाव में परिणाम भुगतने की दी चेतावनी
इस दौरान भगत ने सरकार करे चेतावनी भी दी है कि यदि इस दिशा में राज्य सरकार की ओर से काई पहल नहीं की गई तो उसका परिणाम भाजपा को विधानसभा चुनाव में भुगतना होगा.