नई दिल्ली। रेजिडेंट डॉक्टरों ने आज भी अपनी मांगों को लेकर अपना धरना जारी रखा है. उनकी मांगों में उनके खिलाफ दर्ज FIR को वापस लेना भी शामिल है. मंगलवार को प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के बीच बैठक हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. नीट-पीजी 2021 की काउंसलिंग में हो रही देरी को लेकर रेजिडेंट डॉक्टर पिछले 13 दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. देशभर में विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (फोर्डा) ने एक बयान में कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारी रेजिडेंट डॉक्टरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा कि आरडीए के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा के बाद हमारी मांगें पूरी होने तक हमने आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है.

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आरडीए बैठक में एक सूत्र ने कहा कि सभी आरडीए हड़ताल को वापस लेने पर सहमत थे, क्योंकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में आश्वासन दिया था कि अगली सुनवाई को यानि 6 जनवरी के दिन अदालत में रिपोर्ट पेश की जाएगी और उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही काउंसलिंग की तारीखें तय हो जाएंगी. लेकिन आरडीए के कुछ प्रतिनिधि दिल्ली पुलिस द्वारा प्राथमिकी वापस लेने और सोमवार के विरोध-प्रदर्शन के दौरान कार्रवाई के लिए माफी मांगने तक विरोध को आगे बढ़ाने के लिए ढृढ़ थे. उन्होंने कहा कि हम सभी अपनी पूरी मांगें पूरी होने तक धरना जारी रखने पर सहमत हुए हैं. सभी चिकित्सा और आपातकालीन सेवाओं को वापस लेने सहित विरोध के 13वें दिन में प्रवेश करने के बाद दिल्ली के अस्पतालों में मरीजों की देखभाल काफी हद तक प्रभावित हुई है. विरोध के मुख्य केंद्र के रूप में उभरा शहर का सफदरजंग अस्पताल ओपीडी और आपातकालीन सेवाओं में केवल वरिष्ठ डॉक्टरों के भरोसे चल रहा है. अस्पताल में तैनात भारी सुरक्षाकर्मियों के बीच जूनियर डॉक्टर सेवाओं का बहिष्कार कर रहे हैं.

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देशभर में डॉक्टर्स नीट पीजी 2021 की काउंसलिंग कराने की मांग पर प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली में डॉक्टरों ने भी इस मसले पर जमकर विरोध-प्रदर्शन किया और कहा कि ये प्रदर्शन अभी जारी रहेगा. दरअसल पुलिस द्वारा की गई तथाकथित बदसलूकी के बाद डॉक्टर अपनी नीट पीजी काउंसिलिंग की मांग के अलावा अन्य दो मांगों पर अड़ गए हैं. उनकी मांगें हैं कि पहला दिल्ली पुलिस अपने अभद्र व्यवहार और गलत कार्रवाई के लिए माफी मांगे. वहीं डॉक्टरों के खिलाफ दर्ज सारे केस वापस ले. नीट काउंसलिंग में हो रही देरी को लेकर रेजिडेंट डॉक्टरों के प्रदर्शन ने सोमवार को उस वक्त तूल पकड़ लिया, जब दिल्ली पुलिस और प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के बीच झड़प हो गई, जिसमें कई लोग घायल हुए.