अधिकारियों ने बताया कि साफ्टवेयर उन्नयन के तकनीकी कारणों से पोर्टल के बंद रहने के दौरान यह भ्रांति उत्पन्न हो रही थी, कि इसका प्रभाव किसानों की फसल के बीमित न हो पाने के रूप में पड़ेगा। अब तक 52 हजार 960 से अधिक अऋणी किसानों द्वारा खरीफ मौसम 2018 की फसल बीमा के लिए प्रस्ताव बैंकों में जमा कर दिया गया है।

यदि अऋणी किसान बीमा कराना चाहते हैं, तो अपने प्रस्ताव एवं प्रीमियम राशि वित्तीय संस्थानों में निर्धारित अंतिम तिथि 31 जुलाई 2018 तक जमा करा सकते हैं। इस प्रकार बीमा पोर्टल के बंद होने का प्रभाव किसानों को बीमा आवरण प्राप्त करने पर नहीं पड़ेगा। अधिकारियों ने किसानों से इस महीने की 31 तारीख तक वित्तीय संस्थानों (बैंकों और सहकारी समितियों) में प्रीमियम राशि जमा करने और योजना का लाभ लेने की अपील की है।

अधिकारियों ने बताया कि समस्त बैंकों और वित्तीय संस्थाओं में ऋणी एवं अऋणी किसानों तथा कॉमन सर्विस सेंटरों (लोक सेवा केन्द्रों) में अऋणी किसानों द्वारा बीमा प्रीमियम जमा करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2018 निर्धारित की गई है। बैंक शाखाओं द्वारा इसके बाद 15 दिन के अंदर समस्त किसानों से संबंधित जानकारियों का इंद्राज पोर्टल में किया जाएगा। ऐसे अऋणी किसान जो कॉमन सर्विस सेंटरों के माध्यम से बीमा प्राप्त करना चाहते हैं, वे सम्पूर्ण विवरण सहित 31 जुलाई 2018 तक बीमा करा सकते हैं।

अधिकारियों ने बताया कि पिछले खरीफ मौसम 2017 में बीमित प्रदेश के 12 लाख 98 हजार से अधिक किसानों में से एक लाख 73 हजार अऋणी किसानों की श्रेणी में आते हैं। इनमें से मात्र चार हजार 293 अऋणी किसानों द्वारा कॉमन सर्विस सेंटरों एवं 129 अऋणी किसानों द्वारा सीधे बीमा कम्पनियों के माध्यम से बीमा कव्हरेज प्राप्त किया गया था। शेष अऋणी किसानों ने वित्तीय संस्थाओं के माध्यम से अपनी फसलों का बीमा कराया था। अधिकारियों ने बताया कि ऐसे अऋणी किसान जो वित्तीय संस्थाओं (बैंकों और सहकारी समितियों) में 31 जुलाई 2018 तक चालू खरीफ मौसम की फसलों का बीमा प्रीमियम जमा कर देते हैं, तो संबंधित वित्तीय संस्थाओं द्वारा निर्धारित समय में उनके विवरण का इंद्राज ’एग्री इंश्योरेंस पोर्टल’ में कर दिया जाएगा तथा उन्हें बीमा आवरण प्राप्त होगा।