पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। गरियाबंद पालिका के शुक्रवारी बाजार फुटकर व्यापारी व्यवस्थापन के विरोध में भूख हड़ताल पर बैठे हैं. व्यापारियों ने पालिका प्रशासन आबंटन में भेदभाव का आरोप लगाया है. इसके जवाब में पालिका अध्यक्ष ने शेड चबूतरा निर्माण पूरा होने के बाद ही व्यवस्थापन की बात कही है.
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गरियाबंद मुख्यालय में स्थित बाजार में पिछले 15-20 वर्षों से मनिहारी, कपड़ा और चूड़ी बेचने वाले 50 से ज्यादा फुटकर व्यापारी नगर पालिका द्वारा किए गए बाजार आबंटन के खिलाफ लामबद्ध हो गए हैं. इनमें से पांच महिला समेत 9 व्यापारी शनिवार सुबह से भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं.

गांधी मैदान में जारी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का प्रशासन भी लगातार मॉनिटरिंग तो कर रही है, पर कोई भी उनकी मांगों को पूरा करने का लिखित आश्वासन देकर प्रदर्शन खत्म करने आगे नहीं आ रहे. महिलाएं छोटे बच्चे को लेकर बैठी हैं. आज दोपहर से हो रहे बारिश से धरना स्थल भी पानी से भीग गया है. ऐसे में बीमार पड़ने की भी आशंका बढ़ गई है.
तबियत बिगड़ रहा, बरसात में भीगा टेंट
भूख हड़ताल में बैठे टिकेश्वरी योगी, निहाल नेकराम, पुरुषोत्तम सिन्हा, शहजादी बेगम, प्रिया वर्मा का शुगर लेवल डाउन हो गया है. जिला अस्पताल में जांच के बाद डॉक्टरों ने उनकी बिगड़ती हालत को देखते हुए ग्लूकोज चढ़ाने की सलाह दी है. लेकिन अपनी मांगों को मनाने पर अड़े व्यापारियों ने सलाह नहीं मानी. इनके अलावा समीर खान, अल्ताफ खान, बंटी खान, अंजुमन बेग भी भूख हड़ताल में बैठे हैं. प्रदर्शन में बैठे इन कारोबारियों को समर्थन देने पार्षद छगन यादव, पुना राम, निरंजन प्रधान, पार्वती ध्रुव भी पहुंचे थे.

बाजार सुव्यवस्थित करने उठाया गया कदम
नगर पालिका अध्यक्ष रिखी राम यादव ने बताया कि वर्षों पुरानी पारम्परिक बाजार में बैठक व्यवस्था सुव्यस्थित करने की पहल सर्वसम्मति से किया जा रहा है. सब्जी, मनिहारी, चूड़ी जैसे अलग-अलग व्यापार को पृथक-पृथक स्थान पर सुव्यस्थित किया जा रहा है ,ताकि बाजार में आने वाले लोग और व्यापारी दोनों को सहूलियत हो. जिस भाग का निर्माण पूरा हुआ है उसी से संबंधित व्यापारी को स्थल आबंटित किया गया है. जब तक निर्माण पूर्ण नहीं हो जाता तब तक व्यवस्थापन भी नहीं किया जाएगा. बगैर सोचे-समझे किया जाना यह प्रदर्शन समझ से परे है.
क्या है व्यापारियों की मांगें
फुटकर व्यापारियों ने आबंटन निरस्त, बैठक व्यवस्था यथावत रखने, स्थल में निर्माण पूरा होने पर यथास्थिति आबंटन करने, बाजार के रिक्त स्थलों को नए और जरूरतमंद व्यापारियों को आबंटन करने की मांग रखी है. फुटकर व्यापारियों ने लाटरी आबंटन में भेदभाव का भी आरोप लगाया है.
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