Lalluram Desk. रिटायरमेंट के बाद खर्च कैसे संभलेंगे, यह सवाल हर सैलरीड व्यक्ति के मन में रहता है। खासकर वे लोग जो अपने पूरे करियर में Employees’ Provident Fund यानी EPF पर भरोसा करते हैं। प्राइवेट नौकरी करने वालों की बेसिक सैलरी का 12% हिस्सा (EPF contribution) हर महीने उनके PF अकाउंट में जाता है। इतना ही हिस्सा एंप्लॉयर भी जोड़ता है।
जितने लंबे समय तक नौकरी जारी रहती है, उतना बड़ा कॉर्पस बनने की संभावना रहती है। लेकिन अगर करियर के बीच में आपने PF का पैसा निकाला है या करियर में ब्रेक लिया है, तो यह कॉर्पस अचानक छोटा भी पड़ सकता है। यही वजह है कि रिटायरमेंट प्लानिंग (retirement planning) सिर्फ EPF तक सीमित नहीं रखी जानी चाहिए।
रिटायरमेंट प्लानिंग में Inflation बहुत बड़ा फैक्टर
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिटायरमेंट के बाद आपकी जरूरतें जितनी बड़ी दिखती हैं, असल में उससे कहीं ज्यादा होती हैं। कारण है इनफ्लेशन (inflation impact)।
हर साल आपका मंथली खर्च बढ़ता है—खासकर मेडिकल कॉस्ट। आज किसी सर्जरी पर ₹3 लाख लगते हैं, तो 70 की उम्र में वही खर्च ₹7–8 लाख तक जा सकता है।
60 की उम्र में जो रिटायरमेंट फंड ठीक लगता है, वही 70 पर आधा सा महसूस होने लगता है। EPF contribution आपकी basic salary और formal employment पर निर्भर है।
जल्दी–जल्दी नौकरी बदलने पर contribution टूटता रहता है। करियर ब्रेक या consulting services शुरू करने पर PF जमा होना बंद। कई लोग emergency में PF से पैसे निकाल लेते हैं। नए नियमों के मुताबिक, कर्मचारी 75% तक प्री-रिटायरमेंट withdrawal कर सकता है।
इससे EPF बैलेंस (EPF balance) काफी कम हो जाता है और फाइनल कॉर्पस उम्मीद से छोटा रह जाता है। सिर्फ EPF पर निर्भर न रहें—NPS और PPF भी जरूरी (PPF & NPS benefits)
एक्सपर्ट्स की राय है कि EPF सिर्फ एक पिलर है, पूरा रिटायरमेंट इसका सहारा लेकर नहीं बनाया जा सकता। इसके साथ और भी दो मजबूत विकल्प आपके पास होते हैं—
(1) PPF — पूरी तरह Safe और Tax-Free
15 साल तक निवेश करने पर बड़ा कॉर्पस बनता है।
मैच्योरिटी पर जो पैसा मिलता है, वह पूरी तरह tax-free रहता है।
सरकार का सपोर्ट रहने से यह स्कीम बेहद सुरक्षित है।
(2) NPS — हाई Growth वाला Retirement Plan()
PPF जहां fixed return देता है, वहीं NPS market-linked scheme है।
इसका एक हिस्सा equity में जाता है, जिससे long-term returns काफी ज़्यादा मिलते हैं।
60 की उम्र में NPS का 60% corpus lump-sum मिलता है।
बाकी 40% से annuity खरीदी जाती है, जिससे monthly pension मिलती है।
रिटायरमेंट के लिए चाहिए एक बड़ा और Diversified Fund
एक्सपर्ट्स का कहना है कि EPF एक अच्छा बेस है, लेकिन यह कभी भी पर्याप्त नहीं माना जाता। आपको EPF के साथ PPF, NPS और चाहें तो Equity Mutual Funds में SIP जैसे ऑप्शंस को भी शामिल करना चाहिए।
इन सभी टूल्स का combined growth आपको रिटायर होने तक एक मजबूत corpus देता है, जो inflation, medical emergencies और long-term expenses को आराम से संभाल सके।
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