रायपुर. छत्तीसगढ़ शासन के गृह विभाग ने उस खबर को भ्रामक और आधारहीन बताया है, जिसमें तीन वर्षों बाद भी राजनीतिक प्रकरणों की वापसी के लिए इंतजार की बात कही गई है. विभाग ने कहा है कि निर्धारित प्रक्रिया के तहत प्रकरणों की वापसी की जा रही है. 2019 से 2021 तक की अवधि में 31 प्रकरणों की वापसी के आदेश विधि एवं विधाई कार्य विभाग द्वारा जारी किए जा चुके हैं. इनके अलावा और भी प्रकरणों की वापसी की प्रक्रिया लगातार जारी है.
राज्य शासन ने सभी राजनीतिक दलों से संबधित राजनीतिक प्रकरणों की वापसी की घोषणा करते हुए इसके लिए प्रक्रिया का निर्धारण किया था. इसके अनुसार मंत्रिपरिषद् उपसमिति का गठन कर उसके द्वारा अनुशंसित प्रकरणों की वापसी की प्रक्रिया शुरु की गई. मई 2019 से 18 फरवरी 2021 तक उपसमिति के समक्ष 73 प्रकरण समीक्षा के लिए प्रस्तुत किए गए, जिनमें से 31 प्रकरणों की वापसी की अनुशंसा समिति द्वारा की गई. इसी अनुशंसा के आधार पर विधि विभाग द्वारा इन 31 प्रकरणों की वापसी के आदेश जारी किए गए. उपसमिति की आगामी बैठक में 45 प्रकरणों को रखने की अनुशंसा विधि विभाग ने की है, जिनका उच्च स्तर पर भी अनुमोदन किया जा चुका है. 08 प्रकरणों को विधि विभाग के अभिमत के लिए भेजा जा रहा है. 23 प्रकरणों को नस्तीबद्ध किया गया है.
गृह विभाग ने कहा है कि वर्तमान में विभिन्न जिलों से प्राप्त लगभग 45 विशुद्ध राजनीतिक प्रकरण समीक्षा तथा विचार उपरांत वापसी के लिए प्रक्रियाधीन हैं. इसके अलावा 50 और प्रकरणों पर अग्रिम कार्यवाही की जा रही है.
वर्ष 2019 से 2021 तक लगभग 82 प्रकरणों की वापसी के संबंध में जिला दंडाधिकारियों को अविलंब जानकारी प्रेषित करने को कहा गया है, उसी के अनुरूप जानकारियां प्राप्त की जा रही हैं. इस महत्वपूर्ण विषय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी सतत रूप से समीक्षा की जा रही है.