भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल सेंट्रल जेल में ड्रोन मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। यह ड्रोन भोपाल के महावीर कॉलोनी में रहने वाले डॉक्टर स्वप्निल जैन का है। वे चाइनीज ड्रोन को बेटे के लिए दिल्ली से खरीदकर लाए थे। डॉक्टर का बेटा आईटी पार्क पहुंचकर ड्रोन उड़ा रहा था। दूर जाने के कारण संपर्क टूटा और जेल में जाकर गिर गया। आईटी पार्क, भोपाल केंद्रीय जेल से 500 मीटर की दूरी पर ही है।

दरअसल, बुधवार को भोपाल सेंट्रल जेल में ड्रोन मिला था। जेल में ब खंड के पास दो मंजिला बिल्डिंग बन रही है। जहां स्थित हनुमान मंदिर के पीछे कल करीब 3.30 बजे एक ड्रोन गिरा मिला था। यह जगह अंडा सेल से 200 मीटर की दूरी पर है। 26 जनवरी से पहले इस तरह जेल में सेंधमारी होने से हड़कंप मच गया। जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई। जेल विभाग के साथ खुफिया एजेंसियों ने जांच शुरू की। भोपाल पुलिस भी अपने स्तर पर जांच शुरू की।

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पुलिस कमिश्नर ने कहा- यह कानून का उल्लंघन

इस मामले में पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र का कहना है बुधवार दोपहर को प्रहरी को गश्त के दौरान यह ड्रोन मिला है। वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी इसकी तकनीकी स्टाफ से जांच कराई जा रही है। ड्रोन कितनी दूर तक फोटो वीडियो ले सकता है। इसकी रेंज क्या इसकी भी जांच हो रही है। फिलहाल ड्रोन में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है। लेकिन एरपोर्ट के आस पास ड्रोन प्रतिबंधित है यह कानूनी उल्लंघन है।

जांच में हुआ बड़ा खुलासा

जांच एजेंसियों की जांच के दौरान बड़ा खुलासा हुआ है। केंद्रीय जेल में मिला यह ड्रोन भोपाल के महावीर कॉलोनी में रहने वाले डॉक्टर स्वप्निल जैन का है। वे चाइनीज ड्रोन को बेटे के लिए दिल्ली से खरीदकर लाए थे। डॉक्टर का बेटा आईटी पार्क पहुंचकर ड्रोन उड़ा रहा था। दूर जाने की वजह से संपर्क टूटा और जेल में जाकर गिर गया। आपको बता दें कि भोपाल केंद्रीय जेल में 69 आतंकी बदं है। जिसमें 23 सिमी, 21 PFI, HUT के 17, JMB के 4 और ISIS के 4 आतंकी शामिल है।

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पीसी शर्मा ने कानून और सुरक्षा व्यवस्था पर उठाए सवाल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है। जेल में कई खूंखार आतंकी सजा काट रहे है। पहले भी सिमी आतंकी जेल ब्रेक कर चुके हैं। प्रदेश में कानून और सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त है। रोजाना अफसरों की लापरवाही के मामले सामने आ रहे है। सरकार पर्याप्त बल और अमला होने का झूठ बोलती है। उन्होंने सरकार से इस पूरे मामले की गहन जांच करने की मांग की है।

सपा प्रदेश अध्यक्ष ने लगाए ये आरोप

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज सिंह ने कहा कि प्रतिबंधित ही नहीं बल्कि अति संवेदनशील क्षेत्र में ड्रोन मिलना एक साजिश है। उन्होंने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। मनोज ने कहा कि पहले भी आतंकियों ने जेल ब्रेक किया था। फिर एनकाउंटर किया था। बीजेपी सरकार हिंदु मुस्लिम की राजनीति करती है। एक वर्ग विशेष को टारगेट करती है, यह बीजेपी की साजिश हो सकती है। ऐसे भी मामले सामने आ चुके है। इस मामले को केंद्र भी गंभीरता से लें।

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राज्य मंत्री ने कही ये बात

इस मामले में राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि जेल में जो संदिग्ध ड्रोन पाया गया है वह चिंता का विषय है। प्रथम दृष्ट्या ड्रोन में कैमरा और मेमोरी कार्ड नहीं पाया गया है। गांधी नगर पुलिस इस मामले में जांच कर रही है। आगे ऐसी कोई घटना ना हो इसके लिए जेल के आस पास नो फ्लाइंग जोन के लिए दिशा निर्देश जारी कर रहे हैं। साथ ही इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करेंगे। मध्यप्रदेश के कई जिलों से संबंधित 55 इलाको के नाम बदलने को लेकर मंत्री नरेंद्र शिवाजी ने कहा निश्चित रूप से जो हमारी संस्कृत से मेल नहीं खाते और जो हमारे लिए शर्मिंदगी के शब्द हैं उनको हम हटाने का काम करेंगे।

पहले भी हो चुकी है जेल ब्रेक की घटना

गौरतलब है कि भोपाल सेंट्रल जेल हाई सिक्योरिटी जेल है। यह अक्टूबर 2016 में जेल ब्रेक की घटना भी हो चुकी है। सिमी के आठ खतरनाक आतंकी, प्रधान पहरी रमाकांत का गला रेत कर फरार हुए थे। हालांकि पुलिस ने जेल से 10 किलोमीटर दूर एनकाउंटर में मार गिराया था।

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