लखनऊ. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को राजधानी में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य में बाढ़ की स्थिति से निपटने की तैयारी को लेकर जिला मजिस्ट्रेटों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान जल शत्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद रहे. मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय मौसम विभाग, केंद्रीय जल आयोग, केंद्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखें. यहां से प्राप्त आकलन/अनुमान रिपोर्ट समय से फील्ड में तैनात अधिकारियों को उपलब्ध कराया जाए. भारत सरकार की एजेंसियों की मदद से आकाशीय बिजली के सटीक पूवार्नुमान की बेहतर प्रणाली के विकास के लिए प्रयास किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि अति संवेदनशील और संवेदनशील क्षेत्रों में बाढ़ की आपात स्थिति हेतु पर्याप्त रिजर्व स्टॉक का एकत्रीकरण कर लिया जाए. इन स्थलों पर पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था और आवश्यक उपकरणों का भी प्रबन्ध होना चाहिए. सभी 875 बाढ़ सुरक्षा समितियां एक्टिव मोड में रहें. योगी ने कहा कि सिंचाई व जल संसाधन, गृह, चिकित्सा और स्वास्थ्य, सिंचाई व जल संसाधन, खाद्य एवं रसद, राजस्व एवं राहत कृषि, राज्य आपदा प्रबन्धन, रिमोट सेन्सिंग प्राधिकरण के बीच बेहतर तालमेल हो. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस रेडियो मुख्यालय द्वारा बाढ़ से प्रभावित जनपदों में 113 बेतार केंद्र अधिष्ठापित किए गए हैं. मानसून अवधि में यह केंद्र हर समय एक्टिव रहे.

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उन्होंने कहा कि प्रदेश में बाढ़ से सुरक्षा के लिए विभिन्न नदियों पर 3869 किमी लंबाई वाले 523 तटबंध निर्मित हैं. बाढ़ की आशंका को देखते हुए सभी तटबंधों की सतत निगरानी की जाए. राज्य स्तर और जिला स्तर पर बाढ़ राहत कंट्रोल रूप चौबीस घंटे एक्टिव मोड में रहें. उन्होंने कहा कि बाढ़ आपदा की स्थिति में स्थापित राहत कैम्पों में रहने वाली महिलाओं/किशोरियों को डिग्निटी किट उपलब्ध कराए जाएं. डिग्निटी किट में सैनेटरी पैड, साबुन, तौलिया, डिस्पोज़ेबल बैग, बाल्टी, मास्क आदि शामिल हों.

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि नदियों के कैचमेंट एरिया में अवैध खनन कतई न हो. ऐसा हर अपराध के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि नदियों के चैनेलाइजेशन के लिए ड्रोन आदि नवीनतम तकनीक का प्रयोग करते हुए समय से कार्ययोजना बना लेनी चाहिए. स्थानीय जनप्रतिनिधियों के मार्गदर्शन लेते रहें.

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