वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की बहू ऋचा जोगी की जाति मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. शिकायतकर्ता संत कुमार नेताम ने अपने वकील संदीप दुबे और सुदीप श्रीवास्तव के जरिए हाईकोर्ट में 12 जुलाई को केविएट दायर किया है. याचिकाकर्ता नेताम ने आशंका जताई है कि उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति के निर्णय को हाईकोर्ट में ऋचा जोगी चुनौती दे सकती हैं. यदि ऐसा होता है, तो हाईकोर्ट ऋचा जोगी को अंतरिम राहत देने से पहले उनका भी पक्ष सुन ले. ऐसी अपील की गई है.
दरअसल, जिला स्तरीय छानबीन समिति ने नवंबर 2020 में ऋचा जोगी के अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र को निलंबित कर दिया था. समिति ने अपनी अनुशंसा के साथ प्रकरण कलेक्टर मुंगेली को सौंप दिया था. कलेक्टर ने अपनी टिप्पणी के साथ पूरा मामला उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति के हवाले कर दिया था. इसी मामले में छानबीन समिति ने 10 जुलाई को ऋचा जोगी के आदिवासी होने के दावे को खारिज कर दिया था. ऋचा जोगी को गोंड जाति का मानने से इनकार किया था.
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अब उच्च स्तरीय छानबीन समिति के फैसले के बाद जोगी कांग्रेस (JCCJ) के प्रदेशाध्यक्ष अमित जोगी अपने वकीलों के माध्यम से इसका अध्ययन कर रहे हैं. माना जा रहा है कि एक दो दिन के भीतर ऋचा जोगी की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दायर की जा सकती है. इसमें उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति के फैसले को चुनौती देने के साथ ही अंतरिम राहत की मांग की जा सकती है.
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