लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजनीति में सरकार किसी की रही हो लेकिन एक परिवार ऐसा है जिसकी चर्चा हमेशा होती है. दरअसल ये परिवार है पूर्व रक्षा मंत्री औऱ दिग्गज समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव का कुनबा. जो अब बिखरने की कगार पर खड़ा है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश का यादव परिवार राजनीति में काफी दबदबा रखता है. खासकर उत्तर प्रदेश में. इन दिनों यादव परिवार में घमासान इस कदर मचा है कि सूबे का राजनीतिक पारा एकाएक बढ़ गया है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के बेटे और भाई के बीच आर-पार की लड़ाई शुरु हो गई है. दोनों चाचा-भतीजे ने एक दूसरे के खिलाफ तलवारें खींच ली हैं. जिसकी नतीजा ये रहा कि राज्य की मजबूत सियासी पार्टी समाजवादी पार्टी में घमासान मच गया है.
पार्टी में अपनी अनदेखी किए जाने से नाखुश शिवपाल सिंह यादव ने अपने भतीजे औऱ पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया औऱ अलग पार्टी बनाने की घोषणा कर दी. गौरतलब है कि शिवपाल सिंह यादव यूपी के बड़े नेता माने जाते हैं औऱ वे 1996 से लगातार इटावा की जसवंतनगर विधानसभा सीट से विधायक होने के साथ-साथ कई बार राज्य में मंत्री रहे हैं.
शिवपाल ने लोकसभा चुनावों के ठीक पहले समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाने की घोषणा कर दी. अब वे राज्य की छोटी छोटी पार्टियों को जोड़कर बड़ा मोर्चा बनाने की फिराक में हैं. शिवपाल उन सभी समाजवादी नेताओँ को अपने बैनर के नीचे लाने में जुटे हैं. जिन्होंने अखिलेश के कारण या तो पार्टी छोड़ दी या फिर पार्टी में हाशिए पर पड़े हैं. अब माना जा रहा है कि शिवपाल के इस कदम से राज्य में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी औऱ मायावती की बसपा के बीच गठबंधन की योजना को झटका लगेगा. अब उनको शिवपाल के अलग मोर्चा खड़ा करने के चलते नयी गणित बनानी पड़ेगी.
यादव परिवार में मची इस सिर फुटौव्वल से सबसे ज्यादा खुश राज्य की भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं. उनका मानना है कि यादव कुनबे में जितना घमासान होगा उनके लिए 2019 के लोकसभा चुनावों की राह उतनी ही आसान होगी. देखना है चाचा-भतीजे के बीच इस झगड़े का फायदा किस तीसरे को होगा.