सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। शिक्षा का अधिकार (RTE) के जरिए निजी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले गरीब परिवार के छात्रों का भविष्य अँधकारमय होता नजर आ रहा है. लॉकडाउन के दौरान बिना विभाग को सूचना दिए बंद हुए इन स्कूलों के छात्र अब अपने पालकों के साथ दर-दर भटकने को मजबूर हैं. परेशान पालकों ने जनप्रतिनिधियों और शिक्षा विभाग को सौंपे ज्ञापन में अंग्रेजी माध्यम में पढ़ रहे बच्चों को अंग्रेज़ी माध्यम में ही प्रवेश दिलाने की मांग की है.
मामला लीडर्स वे इंग्लिश मीडियम स्कूल, ख़मतराई का है. प्रबंधन ने शिक्षा विभाग या पालकों को सूचित किये बगैर स्कूल को बंद कर दिया है. स्कूल में शिक्षा के अधिकार की तहत सालों से पढ़ाई कर रहे 40 ग़रीब बच्चे अब शिक्षा से वंचित हो गए हैं. स्कूल में अध्ययनरत छात्र की मां सुमित्रा साहू ने बताया कि स्कूल बंद होने की सूचना प्रबंधन ने नहीं दी है. स्कूल जाने पर कहा गया है कि अपने बच्चों का मार्कशीट और टीसी ले जाएं, स्कूल बंद कर दिया गया है.
पालक का कहना है कि इतने सालों तक इन स्कूलों में पढ़ाई करने के बाद अब दूसरे स्कूल में शिक्षा के अधिकार के तहत भर्ती नहीं दिया जा रहा है, वहीं अधिकारी सरकारी स्कूल में भर्ती करने की बात कह रहे हैं. हमारी माँग है कि अगर हमारे बच्चे अंग्रेज़ी मीडियम स्कूल में इतने सालों तक पढ़ाई किए हैं, उनको अंग्रेज़ी मीडियम स्कूल में ही भर्ती में भर्ती कराया जाए.
लीडर्स वे इंग्लिश मीडियम स्कूल के दूसरी क्लास के विद्यार्थी पूर्ववांसी साहू ने कहा कि न स्कूल जाते हैं, और न ही ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है. पालक सुरेश साहू ने कहा कि स्कूल बंद होने से बच्चों का भविष्य ख़राब न हो इसके लिए माँग करते हैं कि सालों से अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल में पढ़ाई करने वाले उनके बच्चों को अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल में ही भर्ती कराया जाए. हैं, अचानक उन्हें हिंदी माध्यम स्कूल में पढ़ाई जाने से शिक्षा पढ़ाई प्रभावित होगी.
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वहीं जिला शिक्षा अधिकारी एएन बंजारा ने कहा शिक्षा के अधिकार के तहत पढ़ रहे शिक्षा के अधिकार के तहत निजी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे बच्चों का भविष्य स्कूल बंद न होने से प्रभावित न हो इसके लिए उच्चाधिकारियों को जानकारी दी गई है. उनके निर्देशानुसार आगे कार्रवाई की जाएगी.
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