एमजी मोटर भारत में अब एक सफल ब्रांड बन चुकी है. कंपनी ने धीरे-धीरे ही सही लेकिन भारतीय बाजार में अपनी एक अलग पहचान बनाने में कामयाब हुई है. कंपनी का एक अलग ग्राहक वर्ग बन चुका है. लेकिन अब कंपनी कुछ हिस्सा भारतीय कंपनी को बेचने वाली है. बीते कुछ वर्षों के दौरान भारत और चीन के रिश्तों में तल्खी आई है, और इसका असर एमजी मोटर के बिजनेस पर भी पड़ा है.
यह तब से और ज्यादा चर्चा में है जब से एमजी मोटर्स ने रिलायंस समेत कई ग्रुप के साथ बातचीत शुरू की है, जिससे वो अपने इंडिया ऑपरेशन का मेगा स्टेक बेच सके. ऐसे में मुकेश अंबानी या यूं कहें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ग्रुप के पास ऑटो सेक्टर में घुसने का इससे अच्छा मौका नहीं हो सकता है. अगर रिलायंस ऑटो सेक्टर में आता है कि देश में इस सेक्टर की तस्वीर पूरी तरह से बदलती हुई दिखाई देगी, जिस तरह से उन्होंने टेलीकॉम और रिटेल सेक्टर की बदलकर रख दी है.
ये कंपनियां भी हैं दावेदार
दरअसल, ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि एमजी मोटर अपनी भारतीय यूनिट का कुछ हिस्सेदारी बेचना चाह रही है. इसे खरीदने में कई बड़े नाम दिलचस्पी दिखा रहे हैं. मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज भी यह डील करने में दिलचस्पी ले रही है. इसके अलावा घरेलू दोपहिया कंपनी हीरो, प्रेमजी इन्वेस्ट और जेएसडब्ल्यू ग्रुप भी एमजी मोटर की हिस्सेदारी खरीदने के प्रयास में है.
सूत्र ने बताया, भारतीय कंपनियों के साथ विस्तार से बातचीत हो रही है और एमजी मोटर इस डील को इस साल के आखिर तक पूरा करना चाहती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि एमजी मोटर्स को अपने विस्तार का अगला चरण शुरू करने के लिए तुरंत फंड्स की जरूरत है.
एमजी मोटर इंडिया ने बुधवार को कहा है कि वह अगले 2-4 साल में लोकल पार्टनर्स और इनवेस्टर्स को नियंत्रण हिस्सेदारी ऑफर करना चाहती है, क्योंकि कंपनी अपनी ग्रोथ के अगले चरण के लिए करीब 5000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है.
एमजी मोटर इंडिया मौजूदा समय में गुजरात के हलोल में अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में गाड़ियां बना रही है. एमजी मोटर ने यह प्लांट जनरल मोटर्स से खरीदा था. हलोल प्लांट में हर साल 1.2 लाख गाड़ियां बन सकती हैं. कंपनी का दूसरा प्लांट भी हलोल में होगा, जिससे इसकी इंस्टॉल्ड कैपेसिटी बढ़कर सालाना 3 लाख तक यूनिट्स की हो जाएगी.