सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर. रिम्स मेडिकल कॉलेज के ही एमबीबीएस के छात्रों ने इंटर्नशिप कंप्लीट की थी. उसके बाद भी छात्रों को सर्टिफिकेट नहीं दिए जाने की शिकायत की थी. जिसकी खबर लल्लूराम डॉट कॉम ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद रिम्स मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने घुटने टेक दिए हैं और जूनियर डॉक्टरों की जीत हुई है. साथ ही छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल ने प्रबंधन के जिम्मेदार अधिकारियों का पंजीयन निलंबित कर दिया है.

बता दें कि, डॉ. प्रोजित कुमार, डॉ. आयुष स्वर्णकार, डॉ. अवनीश कुमार सिंह, डॉ. अभिषेक राय, डॉ. असीम चंद्र सिंह ठाकुर और डॉ. राहुल चौहान द्वारा रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेस, (रिम्स) के अधिष्ठाता, डॉ. गंभीर सिंह सेंदराम, इंटर्नशिप इंचार्ज डॉ. रोही किरण अखाड़े समेत छात्र शाखा प्रमुख डॉ. रंजीत कुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी. शिकायतकर्ता के आरोपों के अनुसार रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेस, (रिम्स) से नियमानुसार इंटर्नशिप कर चुके छात्रों को इंटर्नशिप कंप्लीट होने के बाद सर्टिफिकेट नहीं दिए जाने की बात कही गई थी.

छात्रों की शिकायत के बाद लल्लूराम डॉट कॉम ने लगातार खबर प्रकाशित किया था, जिसके बाद अधिकारी और काउंसिल कमेटी एक्शन में आए और मेडिकल शिक्षा संचालक ने गठित किया जांच कमेटी गठित की. जिसके बाद जूनियर डॉक्टरों को इंटर्नशिप सर्टिफिकेट दिया गया. साथ ही निर्धारित राशि का 70 प्रतिशत इंटर्नशिप स्टाइफंड तत्काल दिया गया. छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल ने प्रबंधन के जिम्मेदार अधिकारियों के पंजीयन निलंबित किया है. सभी पीड़ित डॉक्टरों ने लल्लूराम डॉट कॉम का आभार प्रकट किया है. इंटर्नशिप सर्टिफिकेट मिलने के बाद जूनियर डॉक्टरों ने कहा अब हमारा भविष्य सुरक्षित है. सर्टिफिकेट मिलने के बाद एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जश्न मनाया.