रायपुर. चाइनिज राखियों को इंडिया से Gate Out करने रायपुर की एक बेटी रितिका चावड़ा अपना अहम योगदान दे रही है. लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में रितिका ने बताया कि वे ऐसी हैंडमेड राखियां बना रही है तो अगली राखी तक आसानी से भाई के हाथों की शोभा बढ़ाएगी

वे कहती है कि इसे बनाने का उदेश्य ये है चाइनिज राखी को टक्कर देना. वो बताती है कि चमक धमक देखकर लोक लुभावन चाइनिज राखी को खरीदते रहे हैं, लेकिन आज हर किसी का मुड़ बदला हुआ है, किसी न किसी तरह से आत्मनिर्भर भारत में अपना योगदान देना चाहते हैं, लॉकडॉउन में काफी समय मिला पढ़ाई के साथ और ज्यादा राखियां बना पायी ये कहा जा सकता है कि लॉकडॉउन मेरे कला में निखार आया है. उन्होंने कहा कि पहले मैं सिर्फ अपने रिस्तेदारों के लिए राखियां बनाया करती थी लेकिन लोगों की मांग को देखते हुए आज सभी के लिए राखियां बना रही हूं.

छोटी-छोटी कोशिशों से हर कोई देश को फायदा पहुंचा सकता है

रितिका B.Com सैकेंड ईयर की स्टूडेंट हैं. वह पढ़ाई के साथ ही कई एक्स्ट्रा एक्टिविटी में भी एक्टिव रहती हैं.रितिका कहती हैं कि चीन के सामानों का बहिष्कार हम तभी कर सकते हैं, जब हम छोटी-छोटी चीजें अपने आस-पास के लोगों से लोकली लेना शुरू करें. उनका कहना है कि छोटी कोशिशों से ही हम देश के लिए बड़ा योगदान दे सकते हैं, इससे देश का पैसा देश में ही रहेगा.

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 40 से लेकर 150 रुपए तक की राखियां

रितिका ने बताया कि जो राखियां वे बना रहीं हैं, उनमें सागौन की लकड़ियों के टुकड़े, कॉटन के रंग-बिरंगे धागे, मोतियों और चमकीले स्टोन का इस्तेमाल किया गया है. वे बताती हैं कि एक राखी को बनाने में करीब 30 से 40 मिनट का समय लग जाता है. ऋतिका ने बताया कि इन हैंडमेड राखियों की कीमत 40 रुपए से लेकर 150 रुपए तक है.