अविनाश श्रीवास्तव/ सासाराम। चुनावी साल के चलते नेताओं की हर गतिविधि को सियासी नजरों से देखा जा रहा है, लेकिन सासाराम से राजद विधायक राजेश गुप्ता का एक अलग ही अंदाज देखने को मिला। बुधवार को उन्हें शहर की एक सामान्य चाय की दुकान पर बैठकर चाय की चुस्कियां लेते हुए देखा गया। उनके साथ उनके पुराने दोस्त भी मौजूद थे और वे बिल्कुल आम नागरिक की तरह पत्थर की बेंच पर बैठे थे।
जब उनसे पूछा गया कि क्या यह आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी का हिस्सा है, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, नहीं, यह कोई चुनावी ड्रामा नहीं है। यह मेरी रोजमर्रा की आदत है। विधायक बनने से पहले भी मैं ऐसे ही दोस्तों के साथ चाय पीता था, अब भी जब समय मिलता है, तो इसी तरह मिल बैठ लेते हैं।
ठेकेदार के तौर पर करते थे काम
राजेश गुप्ता ने बताया कि विधायक बनने से पहले वे एक ठेकेदार के तौर पर काम करते थे और उन्हीं दिनों से उनका दोस्तों के साथ चाय पर चर्चा करने का सिलसिला चलता आ रहा है। अब जब विधायक बन गया हूं, तो काम का बोझ जरूर बढ़ गया है। पटना में विधानसभा सत्र रहता है, या फिर पार्टी बैठकों में भाग लेना होता है, जिससे समय नहीं मिल पाता। लेकिन जब भी थोड़ा खाली समय मिलता है, मैं अपने पुराने अंदाज में ही दोस्तों से मिलने निकल पड़ता हूं,” उन्होंने कहा।
आम आदमी की तरह मानते है खुद को
विधायक गुप्ता ने यह भी कहा कि वे अब भी खुद को एक आम आदमी की तरह ही मानते हैं और जनता से सीधे जुड़ाव बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने साफ किया कि यह कोई रणनीति नहीं बल्कि जीवनशैली है।
साल 2020 में पहली बार विधायक बने राजेश गुप्ता की पहचान एक जमीन से जुड़े नेता के तौर पर रही है। आज भी वे क्षेत्र के लोगों से सीधा संवाद करते हैं और चाय की दुकानों पर बैठकर उनकी बातें सुनते हैं।
उनका यह सहज और सादा व्यवहार लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है, खासकर ऐसे समय में जब हर नेता पर प्रचार और दिखावे का आरोप लगता है।
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