पटना। जहां एक और पूरे बिहार में एनडीए प्रचंड बहुमत से पार्टी उत्साहित है वहीं दूसरी ओर बिहार में पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता आर के सिंह को पार्टी ने पार्टी-विरोधी गतिविधियों को लेकर छह साल तक निलंबित कर दिया। सबसे बड़ी बात ये है कि यह फैसला एनडीए गठबंधन की बिहार विधानसभा चुनाव में भारी जीत के एक दिन बाद लिया गया है। पार्टी से निकाले जाने के कुछ ही देर बाद आर के सिंह ने शनिवार को भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
इस्तीफा के बाद दिया बयान
बिहार भाजपा द्वारा अपने निलंबन पर पूर्व केंद्रीय मंत्री आर.के. सिंह ने कहा यह निर्दिष्ट नहीं किया गया है कि वह पार्टी विरोधी गतिविधियां क्या हैं। उन्होंने मुझसे कारण बताओ नोटिस मांगा और मैंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को अपना इस्तीफा भेज दिया। उनके जवाब में मैं बिहार भाजपा से पूछ रहा हूं कि वे किस पार्टी विरोधी गतिविधियों की बात कर रहे हैं। मैंने कहा कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले या भ्रष्ट लोगों को टिकट नहीं दिया जाना चाहिए। क्या यह पार्टी विरोधी गतिविधि है? यदि आप आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को टिकट देते हैं, तो आप पार्टी की छवि को कम कर रहे हैं। यह कभी भी पार्टी के हित में नहीं होगा। ऐसे लोगों को टिकट देना किसी के हित में नहीं है, न तो राष्ट्रीय हित में, न ही लोगों के हित में, यहां तक कि पार्टी के हित में भी नहीं। मेरा बयान पार्टी के हित में था। ऐसी जगह पर रहने का कोई फायदा नहीं है जहां लोग परेशान हैं अगर आप आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों से सवाल करते हैं।
आर के सिंह ने इस्तीफा जानें क्या लिखा
आरके सिंह ने अपने इस्तीफे में लिखा
प्रिय नड्डा जी,
मुझे मीडिया के कुछ सदस्यों द्वारा एक पत्र मिला है (प्रति संलग्न) जिसमें कहा गया है कि पार्टी ने मुझे पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निलंबित करने का निर्णय लिया है। साथ ही, मुझसे पूछा गया है कि मुझे पार्टी से क्यों न निष्कासित कर दिया जाए। पत्र में उन पार्टी विरोधी गतिविधियों का उल्लेख नहीं है जिनका मुझ पर आरोप लगाया गया है। मैं उन आरोपों के लिए कारण बताओ नोटिस नहीं दे सकता जिनका उल्लेख नहीं किया गया है।
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