अभय मिश्रा, मऊगंज। सीधी जिले के हर्दी गांव से एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है। सड़क हादसे से भड़के लोगों ने स्टोन क्रेशर पर धावा बोल दिया। आगजनी और हमले में कई लोग घायल हो गए, वहीं पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।  

सीधी जिले से करीब 90 किलोमीटर दूर हर्दी गांव में सोमवार देर रात हालात अचानक बिगड़ गए। श्री सिद्धिविनायक स्टोन क्रेशर पर करीब 50 से ज्यादा लोगों ने हमला कर दिया। गुस्साई भीड़ ने क्रेशर में आगजनी कर दी और कर्मचारियों को लाठी-डंडों से पीटा। क्रेशर मैनेजर सोनू चहल पर तो जानलेवा हमला हुआ और उन्हें आग में झोंकने की कोशिश की गई। 

गनीमत रही कि कुछ लोगों ने साहस दिखाते हुए उनकी जान बचा ली, लेकिन गंभीर चोटों के साथ उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा। बताया जा रहा है कि हमले में एक पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए, लेकिन प्रशासन इस सच को छुपाता रहा। अधिकारियों ने मीडिया से दूरी बनाई और पीड़ितों से किसी को मिलने तक नहीं दिया। इससे पारदर्शिता और लापरवाही पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।

दरअसल, घटना की जड़ एक सड़क हादसा है। सोमवार रात करीब साढ़े 10 बजे क्रेशर का वाहन डीजल लेने गया था। इसी दौरान राजकुमार पटेल नामक युवक उसकी चपेट में आकर मौके पर ही मौत के शिकार हो गए। हादसे के बाद गुस्से से उफना गांव के सैकड़ों की संख्या में लोग आधी रात करीब 12 बजे क्रेशर पर हमला करने पहुंच गए। 20 से ज्यादा बाइक और पैदल आए लोग लाठी-डंडों और पेट्रोल से लैस थे। क्रेशर संचालक बबलू चहल ने बताया कि करीब एक करोड़ का नुकसान हुआ है। वहीं सीसीटीवी फुटेज भी अब तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।

हर्दी कांड ने गड़रा कांड की यादें ताजा कर दी हैं, जब प्रशासन की नाकामी और जनाक्रोश ने मिलकर हिंसा को जन्म दिया था। आपको बता दें कि इस पूरे इलाके में करीब 25 से ज्यादा स्टोन क्रेशर संचालित हो रहे हैं। इनमें से कुछ मऊगंज जिले में हैं तो कुछ सीधी जिले में। अवैध उत्खनन यहां लगातार जारी है और आए दिन हादसों की खबरें सामने आती रहती हैं। यही लापरवाही और गैरकानूनी खनन, अब बड़े जनाक्रोश की वजह बनता जा रहा है।

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