राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। राजधानी भोपाल के सूखी सेवनिया में सड़क का बड़ा हिस्सा धंसने से बवाल मच गया। वहीं इससे लगी दीवार भी धराशायी हो गई। इस घटना के बाद रोड के निर्माण में इस्तेमाल किए गए सामान की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं। वहीं भ्रष्टाचार का अंदेशा भी लगाया जा रहा है। जिसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मामले के जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही MPRDC ने हाई लेवल जांच कमेटी का गठन किया है।

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एमपीआरडीसी ने चीफ इंजीनियर बीएस मीणा की अध्यक्षता में टीम गठित कर दी है। दल में शामिल जीएम मनोज गुप्ता और जीएम आरएस चंदेल वॉल के धंसने के कारणों का पता लगाएगी। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी। क्षतिग्रस्त इलाके को बैरिकेड कर दिया गया है। वहीं तुरंत मरम्मत का काम शुरू करने के भी निर्देश दिए हैं।

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बता दें कि साल 2013 में मेसर्स ट्रॉन्सट्राय प्रा. लि. ने बीओटी मॉडल पर सड़क बनाई थी। मेसर्स ट्रॉन्सट्राय प्रा लि ने अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं किया था। इस कारण साल 2020 में कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट निरस्त कर दिया गया था।

बता दे इन कि भोपाल-विदिशा रोड NH 46 पर रेलवे ट्रैक के ऊपर से जाने वाले ब्रिज का 50 मीटर सड़क धंसने से 20 फीट गड्ढा हुआ था। गनीमत रही कि हादसे के वक्त कोई व्यक्ति और वाहन मौजूद नहीं था। हादसे के बाद प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है।

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