रोहित कश्यप,मुंगेली. जिला मुंगेली में विकास कार्य राजनीति की भेंट चढ़ गई है, यही वजह है कि 15 साल पहले प्रस्तावित बाईपास सड़क का काम आज भी अधर में लटका हुआ है या यूं कहें कि राजनीतिक व विभागीय रोड़ा के चलते यह काम सालों बाद भी प्रारंभ नहीं हो सका है. लेकिन अब उसी सड़क का 10 लाख रुपए की लागत से नाली निर्माण कराया जा रहा है. जो सिर्फ शासकीय पैसों की बर्बादी है.

जानकारी के मुताबिक 2004 में करोड़ों रुपए की लागत से पड़ाव चौक से नया पुल तक करीब साढे 7 सौ मीटर सड़क चौड़ीकरण एवं नवीकरण का कार्य बाईपास रोड में स्वीकृत हुआ था. प्रस्तावित यह रोड़ एडीबी द्वारा निर्माण कराया जाना था, मगर बाईपास रोड़ के दोनों तरफ आवासीय भवन स्थित होने की वजह से मुआवजा व जमीन अधिग्रहण के लिए कार्य में बजट का प्रावधान नहीं होने से काम रुक गया. वार्ड पार्षद एवं स्थानीय लोगों के द्वारा प्रशासन से लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों को साल दर साल मामले से अवगत कराते हुए कार्य को चालू करने की मांग की गई. इसके बावजूद कार्य अधर में लटका हुआ है.

प्रभावित लोगों का कहना है कि हम अपनी जगह देने के लिए तैयार हैं इसके बदले में प्रशासन या तो हमें मुआवजा दे या फिर अन्य जगह पर जमीन ही दे दे, मगर सोचने वाली बात है कि 15 सालों वाली बीजेपी की सरकार राज्य में बदल गई लेकिन मुंगेली का यह विकास कार्य आज तक पूर्ण नहीं हो पाया. वह भी तब जब क्षेत्र के विधायक पुन्नूलाल मोहिले जैसे नेता सूबे के मंत्री रहे हो और राज्य में बीजेपी की सरकार तब जरूर यह बात सोचने को मजबूर कर देती है.

बता दें कि बाईपास रोड़ निर्माण नहीं होने से शहर के मुख्य मार्गो से भारी वाहनों का आना जाना लगा रहता है जिसके चलते ट्रैफिक व्यवस्था तो चरमराई ही रहती है इसके अलावा दुर्घटना का भी हमेशा भय बना रहता है. वहीं बाईपास रोड़ सकरी होने की वजह से दर्जनभर लोगों की मौते अब तक दुर्घटना में हो चुकी है. इन सबके बीच हद तो तब हो गई जब बाईपास रोड़ में प्रस्तावित सड़क चौड़ीकरण वाली जगह पर नगर पालिका प्रशासन द्वारा 10 लाख रुपए की लागत से नाली निर्माण का कार्य कराया जा रहा है. सड़क चौड़ीकरण में यह नाली का कोई अस्तित्व नहीं रह जाएगा. जिससे ये साफ प्रतीत हो रहा है कि कहीं ना कहीं ये शासन के पैसे की बर्बादी है.

मौके में पहुचे प्रभारी सीएमओ ऋचा सिहं परिहार ने बताया कि उनको अभी पदभार मिला है चौड़ीकरण व मुआवजे की जानकारी उन्हें नहीं है नाली की स्वीकृति हुई है जल्द निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा.

इस मामले में मुंगेली कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे से बात की गई तो उनका कहना है कि बाईपास रोड़ के लिए सीमांकन कार्य जब कराया गया तो उसमें निजी जमीन और आवासीय भवन रोड़ के आजू बाजू में शामिल है. प्रस्तावित इस कार्य में जमीन अधिग्रहण और मुआवजे के लिये कोई प्रावधान नहीं है जिसके चलते काम रुका हुआ है. इस रोड में व्यवस्थित तरीके से पानी का बहाव होता है जिसे ध्यान में रखते हुए नगर पालिका प्रशासन द्वारा नाली का निर्माण किया जा रहा है और जब रोड का काम होगा तब एडीबी द्वारा निर्माण कराया जाएगा.