हेमंत शर्मा, रायपुर। राजधानी रायपुर के सर्किट हाउस में आज सड़क सुरक्षा माह अभियान का समापन किया गया. इस कार्यक्रम में सड़क सुरक्षा माह में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले स्कूली बच्चों, डॉक्टरों और सामाजिक संस्थाओं को सम्मानित किया गया. इस मौके पर स्पेशल डीजी आरके विज, कलेक्टर एस भारतीदासन और एसएसपी अजय यादव मौजूद रहे. बता दें कि 18 जनवरी से अभियान की शुरुआत की गई थी.

कार्यक्रम में स्पेशल डीजी आरके विज बोले कि मध्यप्रदेश के सीधी में हादसा हुआ. बस में 38 लोगों की कैपेसिटी थी लेकिन उसमें उससे ज्यादा लोग बैठे थे. हादसे में 47 से ज्यादा लोगो की मौत हो गई. लोग जागरूक नहीं होंगे तो सड़क दुर्घटनाओं को कम करना मुश्किल होगा. लॉक डाउन खुलने के बाद सड़क दुर्घटनाये बढ़ी है. पुलिस सख्ती से कार्रवाई करती है तो लोग विरोध करते है. मैं यह भी मानता हूं कि पुलिसकर्मी भी कभी कभी गलती करते है. हम सबको सुधार करना होगा. 60 प्रतिशत से ज्यादा मौत सड़क दुर्घटना में ओवर स्पीड के कारण होती है. डायल 112 थोपने वाले साधन है. यह सब सेकेंडरी है. लोगों को जागरूक होना पड़ेगा.

टू व्हीलर और राइडर्स की ज्यादा मौत

स्पेशल डीजी ने कहा कि 17 से 18 प्रतिशत ऐसा है कि कौन एक्सीडेंट करके चला गया. इसका पता नहीं चलता है. दुर्घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या सबसे ज्यादा टू व्हीलर और राइडर्स की है. बदलाव लाने की आवश्यकता है. मानसिकता बदलने की जरूरत है. प्रिकॉशन की ओर हमे जाना होगा. यह हमारे लिए बहुत जरूरी है. बहुत सारे पुलिसकर्मियों के ड्राइवर सीट बेल्ट नहीं लगाते. सख़्ती हमें खुद से ही शुरू करनी पड़ेगी.

गांव में जाकर ट्रैफिक नियमों की दी जानकारी- एसएसपी

एसएसपी अजय यादव ने कहा कि एक माह के इस कार्यक्रम मे सभी का सकरात्मक सहयोग मिला. शहर में लगातार यातायात का दबाव बढ़ा है. इसलिए लगातार दुर्घटनाओं में वृद्धि हुई है. आंकड़े को कम किया जाए इसके लिए एक लक्ष्य रखा गया है. इस पूरे सड़क सुरक्षा माह के दौरान 32 गांव में जाकर लोगों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी गई. कही कही पर कुछ मांगे थी उसे पूरा किया गया. ग्रामीण क्षेत्रों में हमे बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला. कई संस्थाओं ने भी हमे सहयोग दिया.

एनजीओ की भूमिका काफी सराहनीय

कलेक्टर एस भारतीदासन ने कहा कि यह कार्यक्रम एक महीने के लिए ही चलाने का नहीं है. इसे अंग बनाकर हमे चलना चाहिए. विकास विनाश के रूप में नहीं बदलना चाहिए. सड़क सुरक्षा के काम को हमें घर से ही शुरू करनी चाहिए. नियम को पालन करने की आदत शुरू से ही बनाते है तो आगे चलकर अच्छा होगा. शहर में एनजीओ की भूमिका काफी सराहनीय जज्बे के लिए ट्रैफिक के जवानों को सलाम करता हूं.