कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी(Priyanka Gandhi) के पति रॉबर्ट वाड्रा (Robert Vadra)आज, बुधवार को एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समक्ष उपस्थित हुए हैं. उन्हें गुरुग्राम लैंड डील मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया है. इससे पहले, मंगलवार को भी उन्होंने जांच एजेंसी के सामने पेशी दी थी. उल्लेखनीय है कि रॉबर्ट वाड्रा को लैंड डील मामले में पीएमएलए के तहत समन जारी किया गया था. उन्हें 8 अप्रैल को भी बुलाया गया था, लेकिन वह उपस्थित नहीं हो सके. आज प्रियंका गांधी भी उनके साथ ईडी कार्यालय पहुंची हैं.
रॉबर्ट वाड्रा ने ईडी के समक्ष पेश होने के संदर्भ में कहा कि चुनाव के बाद एजेंसियों का कार्य समाप्त हो जाता है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जितनी बार उन्हें परेशान किया जाएगा, वे उतनी ही मजबूती से उभरकर सामने आएंगे. वाड्रा ने सच्चाई के लिए अपनी लड़ाई जारी रखने का संकल्प व्यक्त किया और कहा कि वे कोई आसान लक्ष्य नहीं हैं. उन्होंने यह भी बताया कि वे देश में ही रहेंगे और देश छोड़ने का कोई इरादा नहीं है. वाड्रा ने कहा कि सभी सवालों का सामना करने के लिए तैयार हैं और उनकी सोनिया जी और राहुल जी से बातचीत हुई है, जिसमें उन्होंने समर्थन का आश्वासन दिया है.

वाड्रा ने एक फेसबुक पोस्ट में उल्लेख किया कि उनके जन्मदिन के सप्ताह में समाजसेवा की जो योजनाएं उन्होंने बनाई थीं, उन्हें अस्थायी रूप से रोकना पड़ा है. उन्होंने बताया कि उन्होंने बुजुर्गों को भोजन प्रदान करने और बच्चों को उपहार देने का कार्यक्रम तैयार किया था, जिसे वह तब तक जारी रखेंगे जब तक सरकार उन्हें अच्छे कार्य करने या अल्पसंख्यकों के प्रति हो रहे अन्याय के बारे में बोलने से नहीं रोकती.
‘आखिर में जीत सच की ही होगी’
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि यदि वह राजनीति में प्रवेश करने का विचार करते हैं, तो भी उन्हें परेशान किया जाता है. फिर भी, वह लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करते रहेंगे. उनका मानना है कि कोई भी उन्हें रोक नहीं सकता और वह हर प्रकार के दबाव का सामना करने के लिए तैयार हैं. उन्हें पूरा विश्वास है कि अंततः सत्य की ही विजय होगी.
हरियाणा में हुई जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि कोई अनियमितता नहीं पाई गई. खट्टर जी ने मुझे इस मामले में पहले ही क्लीन चिट दे दी थी. मुझे यह समझ में नहीं आ रहा है कि सात साल बाद फिर से मुझसे पूछताछ क्यों की जा रही है. जब मैंने एजेंसी की ओर से दूसरा समन देखा, तो मैं चकित रह गया, क्योंकि मैं पहले ही इस मामले में 15 बार एजेंसी के सामने पेश हो चुका हूं. मुझसे 10 घंटे तक पूछताछ की गई और मैंने 23,000 दस्तावेज प्रस्तुत किए. मैंने एजेंसी को 2019 में दिए गए अपने बयान की याद दिलाई, जिसमें मैंने वही सवालों के जवाब दिए थे, जो अब पूछे जा रहे हैं. एजेंसी के लोग भी इस पर हैरान थे. मैं केवल यह कह सकता हूं कि एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है.
मंगलवार को रॉबर्ट वाड्रा ने ईडी की पूछताछ को राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम करार दिया. उन्होंने यह भी कहा कि ईडी पहले भी उनसे कई घंटों तक पूछताछ कर चुकी है और हजारों दस्तावेज साझा किए गए हैं, फिर भी एजेंसी उनके खिलाफ मामले उठाने में लगी हुई है.
उन्होंने कहा कि यह केवल राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम है. जब भी मैं अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए आवाज उठाता हूं, तो वे मुझे रोकने का प्रयास करते हैं और हमें दबाने की कोशिश करते हैं. उन्होंने संसद में राहुल गांधी को भी रोकने का प्रयास किया. यह एजेंसियों का गलत उपयोग है और स्पष्ट रूप से राजनीतिक प्रतिशोध का संकेत है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह जांच एजेंसी के साथ सहयोग जारी रखेंगे, जैसा कि पहले करते आए हैं.
क्या है पूरा मामला?
वाड्रा के खिलाफ चल रही यह जांच हरियाणा के शिकोहपुर में एक भूमि सौदे से संबंधित है. यह जांच फरवरी 2008 में हुए एक लेन-देन पर केंद्रित है, जिसमें वाड्रा से संबंधित कंपनी, स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने गुरुग्राम के शिकोहपुर में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज नामक कंपनी से 7.5 करोड़ रुपये की राशि में 3.5 एकड़ भूमि खरीदी थी.
आरोप लगाया गया है कि इस भूमि का दाखिल-खारिज प्रक्रिया केवल कुछ घंटों में पूरी कर ली गई. हरियाणा पुलिस ने इस सौदे के संबंध में 2018 में एक मामला दर्ज किया था. इसके पूर्व, जांच एजेंसी ने धन शोधन के एक अन्य मामले में वाड्रा से पूछताछ की थी.
BJP ने क्या कहा?
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने स्पष्ट किया कि रॉबर्ट वाड्रा को अपने कार्यों का परिणाम भुगतना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि वाड्रा को ईडी ने हरियाणा में कांग्रेस के शासन के दौरान हुए भूमि घोटाले से संबंधित मामले में पूछताछ के लिए बुलाया है. भाटिया ने कहा कि ईडी की कार्रवाई कानून की शक्ति को दर्शाती है और यह स्पष्ट संदेश देती है कि देश में कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के शासन के दौरान अहंकार प्रदर्शित करने वाले वाड्रा को अब कानून की वास्तविकता का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा, उन्होंने गांधी परिवार को सबसे भ्रष्ट परिवार बताते हुए कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और रॉबर्ट वाड्रा भ्रष्टाचार के मामलों में जमानत पर हैं.
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