पटना। RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य द्वारा राजनीति छोड़ने के निर्णय ने बिहार की राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इस घटनाक्रम पर विभिन्न दलों के नेताओं ने बयान दिया हैं। बांकीपुर से भाजपा के विजयी उम्मीदवार नितिन नबीन ने कहा कि यह रोहिणी का पारिवारिक मामला है, लेकिन लालू परिवार के सभी सदस्यों को राजनीति में लाने की रणनीति का दुष्परिणाम भी सामने आ रहा है। उनका कहना था कि यदि तेजस्वी यादव परिवार में ही इतने असहज और अलोकप्रिय हो गए हैं तो समाज में नेतृत्व करना कठिन होगा। वहीं भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि रोहिणी के आरोप यह दर्शाते हैं कि जो लोग बिहार के बड़े हिस्से का नेतृत्व करना चाहते थे, वे अपने परिवार के भीतर भी संतुलन नहीं बना पाए।
परिवार को बिखरने नहीं देना चाहिए
भाजपा नेता गुरु प्रकाश पासवान ने कहा कि यह परिवार का आंतरिक मामला है, लेकिन राजनीतिक सवाल उठाए जाने के बाद RJD को इस स्थिति की जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए। वहीं बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जयसवाल ने लालू-राबड़ी परिवार से अनुरोध किया कि परिवार को इस तरह बिखरने नहीं देना चाहिए। उन्होंने रोहिणी द्वारा अपने पिता की जान बचाने का जिक्र करते हुए कहा कि यह अत्यंत दुखद स्थिति है।
अपने पिता की जान बचाई
जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने इसे रोहिणी का व्यक्तिगत मामला बताया और कहा कि राजनीतिक टिप्पणी करना उचित नहीं है। वहीं, जेडीयू के नीरज कुमार ने कहा कि रोहिणी ने अपने पिता की जान बचाई, यह एक बेटी की भूमिका है और इसका अपमान हमारी परंपरा के खिलाफ है। उन्होंने लालू यादव और राबड़ी देवी से सवाल उठाया कि ऐसी घटनाओं पर चुप क्यों हैं और दोषी कौन है।
संतोष कुमार सुमन ने कही ये बात
HAM के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन ने कहा कि यह परिवारिक मामला है और राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते परिवार में कलह स्वाभाविक हो सकती है। उन्होंने सभी दलों से जनता के जनादेश को स्वीकार करने की अपील की।
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