Rohini Vrat 2025: रोहिणी व्रत एक महत्वपूर्ण धार्मिक व्रत है, जो जैन धर्म के अनुयायियों द्वारा रखा जाता है. यह व्रत चंद्रमा के रोहिणी नक्षत्र में आने पर किया जाता है और इसे विशेष रूप से भगवान वासुपूज्य (12वें तीर्थंकर) की कृपा प्राप्त करने के लिए रखा जाता है. इस बार यह व्रत 6 मार्च 2025 को रखा जाएगा.

यह व्रत विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की दीर्घायु और पारिवारिक सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है. इस व्रत में उपवास रखा जाता है और दान-पुण्य के कार्य किए जाते हैं. इसे 3, 5, 7, 9 या 12 वर्षों तक किया जा सकता है. रोहिणी व्रत नक्षत्र से जुड़ा है जो 27 नक्षत्र में से चौथ है. यह व्रत सुख-शांति, परिवार की खुशहाली और आध्यात्मिक उन्नति के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है.

रोहिणी व्रत किन लोगों को करना चाहिए?

जैन धर्म के अनुयायी, खासकर महिलाएं, इस व्रत को अधिक करती हैं. इसके अलावा जिन्हें शांति, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति करनी है. जिनकी कुंडली में चंद्रमा और रोहिणी नक्षत्र का विशेष प्रभाव है. जो मानसिक और शारीरिक शुद्धि के लिए व्रत करना चाहते हैं.

व्रत की विधि

1. स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और व्रत का संकल्प लें.

2. भगवान वासुपूज्य की पूजा करें और उनकी कथा का पाठ करें.

3. दिनभर उपवास करें (कुछ लोग फलाहार या विशेष आहार लेते हैं).

4. जरूरतमंदों को दान दें और ब्राह्मणों को भोजन कराएं.

5. अगले दिन पारण (व्रत खोलना) करें.