शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्य प्रदेश में आने वाले कुछ दिनों के अंदर बड़ी बैठकों का दौर जारी रहेगा. खासतौर पर 20 अगस्त को कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल बड़ी बैठक करने जा रहे हैं. उसके पीछे का कारण है कि चुनाव कमेटी और चुनाव समिति की बैठक एक साथ होने जा रही है. कैंपेन कमेटी और चुनाव समिति में शामिल सदस्यों की नियुक्ति के बाद यह पहली बैठक कांग्रेस कार्यालय में होगी. वहीं अमित शाह ग्वालियर में बीजेपी नेताओं की बैठक लेंगे.

इसके साथ ही कैंपेन की रणनीति और चुनाव की प्लानिंग को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता मंथन करेंगे. चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष कमलनाथ दिग्विजय सिंह नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह, सुरेश पचौरी, अरुण यादव सहित कांग्रेस के 19 से अधिक सदस्य शामिल होंगे. कांग्रेस की इलेक्शन कमेटी में 40 सदस्य हैं.

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कांग्रेस के संगठन महामंत्री राजीव सिंह का कहना है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस का लक्ष्य मिशन 2023 है. इस मिशन को पूरा करने के लिए 20 तारीख को बैठक होने जा रही है. कांग्रेस के तमाम सदस्य इस बैठक में शामिल होंगे. वहीं भाजपा पर निशाना चाहते हुए संगठन महामंत्री ने कहा कि भोपाल के बजाय भाजपा को ग्वालियर में कार्य समिति की बैठक करनी पड़ रही है.

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उसके पीछे की वजह है कि साल 2018 में हुए चुनाव के परिणाम से बीजेपी के अंदर डर का माहौल है. सरकार बनाने के लिए गद्दारों का साथ लेने वाली बीजेपी ग्वालियर में बैठक करने जा रही है. स्पष्ट है कि गद्दार और बीजेपी के मूल कार्यकर्ता के बीच में विरोधाभास है और इसी डैमेज को कंट्रोल करने के लिए बीजेपी ने ग्वालियर को चुना है.

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