प्रतीक चौहान. रायपुर/दुर्ग. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के आईजी ने 26 जुलाई को पत्र जारी कर (आदेश क्रमांक 1862) 28 जुलाई से अवैध वेंडरों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए है. लेकिन इस आदेश के जारी होने से ठीक 1 दिन बाद और स्पेशल ड्राइव की कार्रवाई शुरू होने से ठीक एक दिन पहले दुर्ग रेलवे स्टेशन में अवैध वेंडरों की हालत क्या है ये जानने के लिए लल्लूराम की टीम दुर्ग रेलवे स्टेशन पहुंची. यहां पहुंचने के बाद हम दंग रह गए कि थोक में आरपीएफ पोस्ट (RPF POST DURG) के ठीक सामने अवैध वेंडर्स ट्रेनों के अंदर बेखौफ होकर अवैध वेंडिंग करते नजर आए. इसकी पूरी करतूत लल्लूराम के कैमरे में कैद होने के बाद हमने इसकी सूचना आरपीएफ के उच्च अधिकारियों को दी, जिसके बाद दुर्ग आरपीएफ पोस्ट के जिम्मेदारों ने बिना मन के अवैध वेंडरों को पकड़ने का प्रयास किया और आरपीएफ के सामने ही देखते ही देखते कई वेंडर्स अपना सामान छोड़कर भागते नजर आए. लल्लूराम की सूचना के बाद दुर्ग आरपीएफ ने 11 अवैध वेंडरों पर कार्रवाई की पुष्टि की है.
कुछ दिनों पहले आईजी पहुंचे थे दुर्ग, फिर भी खौफ नहीं
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के आईजी को दुर्ग आरपीएफ पोस्ट का निरीक्षण करें महज एक हफ्ता भी नहीं हुआ है. लेकिन यहां आरपीएफ पोस्ट के सामने दिखाई दे रहे अवैध वेंडर्स की संख्या को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां आईजी के आने का कितना खौफ है.
अब कल से होगी दिखावे की कार्रवाई ?
अब आरपीएफ के आईजी ने निर्देश दिए है तो आरपीएफ पोस्ट दुर्ग का कार्रवाई करना तो बनता ही है. यही कारण है कि 28 जुलाई से अब अवैध वेंडरों के खिलाफ कार्रवाई की रणनीति बनाने उन्हें पक़ड़ने की तैयारी है, जिससे कागजों में कार्रवाई तो दिखाई दें.
Sr DCM साहब! कहा है आपकी टीम ?
अवैध वेंडरों की धड़पकड़ के लिए जितनी जिम्मेदार आरपीएफ है उससे ज्यादा जिम्मेदार सीनियर डीसीएम (Sr DCM) के नेतृत्व में काम करने वाली कमर्शियल विभाग की वो टीम भी है, जो संभवतः बंद कमरे में बैठकर ड्यूटी करती है ? या यू कहे कि उन्हें सीनियर डीसीएम (Sr DCM) ने सिर्फ कार्ड जारी करने के निर्देश दिए हो ? अब सवाल ये है कि यदि दुर्ग रेलवे स्टेशन में लल्लूराम की सूचना के बाद 11 अवैध वेंडर पकड़ा गए तो कमर्शियल विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कहा गायब थे जिन्हें रेलवे अवैध वेंडर्स को पकड़ने के लिए ही वेतन और सारी सुख सुविधाएं देता है.