नई दिल्ली. दिल्ली के आजादपुर आदर्श नगर रेलवे स्टेशन पर एक दर्दनाक घटना में एक आरपीएफ कॉन्स्टेबल की जान चली गई. दरअसल 50 साल के जगबीर सिंह राणा की एक मौत एक महिला और उसके तीन बच्चों की जान बचाने के के चक्कर में चली गई. सोमवार को रेलवे सुरक्षा बल ने इसकी जानकारी दी. घटना देर रात 9.30 बजे की है जब राणा अपनी ड्यूटी पर थे.

महिला- बच्चों को दूसरे ट्रैक पर ढकेलकर खुद आ गए ट्रेन के आगे

राणा हमेशा की तरह अपनी पेट्रोलिंग ड्यूटी पर थे. अचानक उन्होंने एक महिला को उसके 3 बच्चों के साथ रेलवे ट्रैक पर देखा. दूसरी ओर से होशियार एक्सप्रेस आ रही थी. राणा ने दौड़कर महिला और उसके बच्चों को दूसरे ट्रैक की ओर ढकेला लेकिन वे खुद पीछे रह गए और ट्रेन की चपेट में आ गए. उन्हें हाथ और पैर में गंभीर चोट आई थी. आनन फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया. यहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

राणा को खून में लथपथ देख मदद को पहुंचे लोग

राणा गंभीर चोट के साथ ट्रैक पर खून में लथपथ पड़े थे. आस पास झु्ग्गी में रहने वालों ने राणा को देखा तो मदद को पहुंचे. राणा के फोन में आई आखिरी काल वाले नंबर पर किसी ने कालबैक किया और इस सब की जानकारी दी. राणा को भागकर अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन यहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

आखिरी काल पर हुई थी बेटे से बात

जब किसी ने राणा के मोबाइल आए आखिरी नंबर पर कॉलबैक किया तो वह उनके बेटे रोहित का नंबर था. रोहित ने बताया- मुझसे किसी ने कहा कि पापा का एक्सीडेंट हुआ है वे घायल हैं. मैं वहां पहुंचा को पुलिस उनके शरीर की तस्वीर ले रही थी और साथ ही उस महिला का बयान भी. मुझे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था मैं खड़ा था. मेरा दिमाग तेजी से दौड़ रहा था. मेरे पिता मर चुके थे. राणा की मौत के बाद उनके परिवार ने उनकी आंखें दान करने का फैसला किया है.